Friday, October 19, 2018

पोखरण परमाणु परीक्षण इतिहास

पोखरण परमाणु परीक्षण इतिहास

MY GUIDE- आईये कुछ नया जाने

पोखरण परमाणु परीक्षण इतिहास
By MY GUIDE on OCTOBER  19, 2018


हम सभी जानते हैं किसी भी देश की सुरक्षा के लिए उसके हथियार बहुत जरूरी होते हैं चाहे वह किसी भी तरह के हो और आज के समय में लगभग बहुत से देशों के बाद पास अपनी परमाणु शक्ति है जिससे वे एक दूसरे देश पर हमला करके कुछ ही समय में सब कुछ ख़त्म कर सकते हैं.


लेकिन यह सभी परमाणु हथियार सुरक्षा के लिए बनाए जाते है.और आज के समय में अमेरिका चीन जापान जैसे देशों के पास अपनी परमाणु शक्ति मौजूद है और इसमें भारत का भी नाम आता है. तो आज की पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि किस तरह से भारत में परमाणु बम का आविष्कार किया गया और उस का सफल परीक्षण किया गया और इस परमाणु बम के आविष्कार की पूरी कहानी इस पोस्ट में विस्तार से बताएंगे तो आप इस पोस्ट को पूरा और अंत तक जरूर देखें .

पोखरण परमाणु परीक्षण 1
18 मई 1974 के दिन उस समय के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास एक फोन आने का इंतजार होता है और जब वह फोन का इंतजार कर रही होती है तो कुछ ही देर बाद उनके पास एक फोन आता है और फोन करने वाला आदमी कहता है बुद्ध मुस्कुराए और इस बुद्ध मुस्कुराए शब्द के पीछे एक बहुत बड़ी कामयाबी का मतलब था जिसको शायद कुछ ही लोग जानते थे. क्योंकि जो फोन इंदिरा गांधी के पास आया था उसमें बुद्ध मुस्कुराए शब्द का मतलब था कि भारत ने पोखरण में परमाणु बम का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है.

पोखरण में परमाणु बम का सफल परीक्षण करने के बाद भारत दुनिया में पहला ऐसा देश बन गया था. जिसने यूनाइटेड नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल का सदस्य ना होते हुए भी भी परमाणु बम के परीक्षण करने की हिम्मत की और परमाणु बम का सफलतापूर्वक आविष्कार करने के बाद भारत भी उन देशों में शामिल हो गया. जिनके पास परमाणु शक्ति थी लेकिन दुनिया अभी भी इस बात को नहीं मानती थी कि भारत के पास परमाणु शक्ति है. क्योंकि उनका मानना था कि भारत में अभी परमाणु तकनीक हासिल करने की दिशा में सिर्फ एक ही कदम बढ़ाया है.



पोखरण परमाणु परीक्षण 2

जैसा की हमने आपको ऊपर बताया भारत ने पोखरण में परमाणु बम का सफलतापूर्वक आविष्कार कर लिया है इस बात को दुनिया मानने के लिए तैयार नहीं थी और दुनिया का मानना था.  कि भारत ने परमाणु शक्ति की ओर सिर्फ एक कदम बढ़ाया है लेकिन दुनिया में तहलका मच गया जब भारत ने 11 मई 1998 से लेकर 13 मई 1998 तक 5 परमाणु बम का सफल परीक्षण किया उसके बाद भारत परमाणु शक्ति से रहित दुनिया का छठा देश बन गया.

परमाणु बम बनाने के लिए भारत को 1962 में बहुत ज्यादा मजबूर होना पड़ा क्योंकि 1962 में भारत और चीन के बीच एक युद्ध हुआ जिसमें चीन ने भारत को बुरी तरह से हरा दिया इसलिए भारत को परमाणु बम बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा और भारत को हराने के बाद 2 साल बाद चीन और भी मजबूत हो गया जब क्योंकि युद्ध के 2 साल बाद चीन ने परमाणु बम का सफल परीक्षण कर लिया. तो इस स्थिति में भारत को आगे जाकर अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु बम का आविष्कार करना पड़ा और इसी दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की इजाजत से 1974 में पहली बार पोखरण में परमाणु बम का सफल परीक्षण किया गया और इस ऑपरेशन को स्माइलिंग बुद्धा नाम दिया गया था.

लेकिन भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न देश का दर्जा पाने के लिए आगे चलकर और भी कई प्रकार के परमाणु टेस्ट करने थे. लेकिन अमेरिका और इसके अलावा दूसरे कई देशों के कारण भारत यह टेस्ट नहीं कर पा रहा था. लेकिन 1995 में उस समय के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने परमाणु टेस्ट की बढ़ती हुई मांग को देखकर यह निर्णय लिया कि भारत को एक और परमाणु टेस्ट करना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य से अमेरिका की एक सैटेलाइट ने भारत की परमाणु बम बनाने वाली गतिविधियों का पता लगा लिया और फिर भारत को यह प्रोग्राम बीच में ही छोड़ना पड़ा और फिर चुनाव का समय आ गया था और चुनाव होने के बाद भारत के नए प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेई जी और वाजपेई जी भारत को पहले से ही परमाणु बम की टेस्टिंग करवाना चाहते थे.

क्योंकि वह चाहते थे की दुनिया को भारत की ताकत का पता परमाणु शक्ति से ही चल पाएगा और फिर 1998 में अटल बिहारी वाजपेई जी, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और राजगोपाल चिदंबरम के साथ मिलकर इस टेस्ट को गुप्त तरीके से चर्चा शुरू कर दी. इस टेस्ट का परीक्षण करने के लिए उन्होंने एक बार फिर से राजस्थान के पोखरण शहर को चुना लेकिन अब उनके सामने एक और परेशानी थी यह जगह पूरी तरह से खुली हुई थी और अमेरिका की सेटेलाइट ने भी इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए अपनी नजरें गड़ाए थी और भारत को अब की बार भी अगर सफल परीक्षण करना था. तो इस सेटेलाइट की आंखों में धूल झोंकने की जरूरत थी.

और इस मिशन की जानकारी कुछ ही लोगों के पास थी जैसे कुछ चुनिंदा नेता या सेना के अधिकारियों के पास इसके अलावा देश के कुछ बड़े-बड़े नेताओं के पास और इस मिशन के चीफ कोऑर्डिनेटर बने डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी के डायरेक्टर डॉ राजगोपाल चिदंबरम और इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद इस पर काम करने वाले सभी वैज्ञानिकों को सेना की वर्दी पहनाई गई ताकि अमेरिका के सैटेलाइट टेस्टिंग वाली जगह को देखें तो भी यह लगे कि सेना के जवान हैं जो कि अपनी प्रैक्टिस करते हैं. और बम्ब को आर्मी के ट्रक में रखकर टेस्टिंग वाली जगह पर ले जाया गया.



और इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन शक्ति दिया गया था क्योंकि इसमें 5 परमाणु बम का परीक्षण किया जाना था और फिर 11 मई 1998 से लेकर 13 मई 1998 तक यह पांचो टेस्ट बहुत ही गुप्त तरीके से सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिए गया. इस टेस्ट के बाद भारत परमाणु शक्ति से लैस दुनिया का छठा देश बन गया लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका कनाडा और जापान जैसे देशों में इसकी आलोचना हुई और कई सालों तक भारत में दिए जाने वाली वैश्विक सुविधाओं पर रोक लगा दी गई लेकिन ब्रिटेन फ्रांस और रूस भारत के विरोध में नहीं बोल पाए और देश को परमाणु शक्ति से सक्षम बनाने के लिए उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और को कभी नहीं भूला जा सकता है.

इस पोस्ट में आपको पोखरण परमाणु टेस्ट पोखरण १ पोखरण 2 पोखरण परमाणु विस्फोट भारत का पहला परमाणु परीक्षण पोखरण परमाणु परीक्षण 1995 भारत ने दूसरा परमाणु परीक्षण कब किया पोखरण 1 से संबंधित पूरी जानकारी हिंदी गई है. अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर बताएं.अगर यह जानकारी आपको पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.

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Wednesday, October 17, 2018

BCA course details in hindi





BCA course details in hindi-पूरी जानकारी hindi में

BCA course details in hindi-पूरी जानकारी hindi में

BCA यानि की Bachelor of computer application यह एक 3 साल का undergraduate course है जो की 6 semester में divided होता है हालांकि सभी university/colleges में semester-wise नही होता 

हेलो दोस्तों, आपका मेरे इस ब्लॉग में स्वागत है,
बहुत students जो ज्यादातर गांव से या फिर उनके पास जानकारी पाने का कोई Source नही होता जिससे की वह जान सके की वह अपने career को कौन सी दिशा दे।

उनको अपनी study से लेकर बहुत ज्यादा confusion होता है कि वह 12वीं pass out होने के बाद क्या करे? तो इसलिए मै अपनी इस blog-post के through बहुत सारे academic, professional  और certification courses के बारे में अपने आने वाले पोस्ट में पूरी जानकारी दूंगा।

फिलहाल आज में आपको BCA course के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूँ, तो चलिए शुरू करते है।

BCA course details-


BCA यानि की Bachelor of computer application यह एक 3 साल का undergraduate course है जो की 6 semester में divided  होता है हालांकि सभी university/colleges में semester-wise नही होता है।

इस कोर्स को कोई भी student science/math के साथ 50% मार्क से पास हो but आज कल कई university/college में किसी भी stream से पास student को addmission देती है ।

यह course complete होने के बाद आप एक web designer,software developer etc. बन सकते है और यदि आप एक bright career चाहते है तो आप आगे MCA,MBA या M.Sc. कर सकते है।

BCA addmission-
BCA में addmission के लिए आप किसी university के द्वारा आयोजित किए जाने वाले Entrance exam देकर addmission ले सकते हैं
और बहुत से college में direct-addmission की facility से आप addmission पा सकते हैं यह अपने-अपने state के university पर depend करता है।

BCA course syllabus-
BCA का course totally English में होता है इसलिए आपको पहले से English में पकड़ बनानी होगी।

इस कोर्स में शुरुआत में बेसिक कंप्यूटर नॉलेज जैसे कि computer hardware, M.S. office etc. के बारे में पढ़ाया जाता है।

 उसके बाद programming languages जैसे की C,C++,VB,C#,JAVA etc. और web programming languages जैसे की HTML ,CSS, javascript,php,. net etc.और Databse में mysql और Oracle आदि सिखाते है ।

जिससे आप web applications,games,softwares आदि बना सकते हैं।

BCA course Fees-
BCA कोर्स की fees सभी universities/colleges में अलग-अलग होती है ।

फिर भी  एक साल की फीस लगभग 15000, 20000 25 हजार के करीब होती है और यह private college में इसमें ज्यादा भी हो सकता है। आप अपने किसी नजदीकी यूनिवर्सिटी में जाकर पता कर सकते हैं।

Career opportunity-
BCA complete होने के बाद आपके पास public/private सेक्टर में बहुत से करियर options होते हैं जैसे कि आप यदि प्राइवेट सेक्टर में जाना चाहते हैं तो किसी मल्टीनेशनल कंपनी में interview  try कर सकते हैं ।

और यदि आप गवर्नमेंट जॉब पाना चाहते हैं तो आप फोर्स यानि की indian army,air forece,navy में कंप्यूटर ट्रेड के पद पर जा सकते हैं यदि आपका college campus interview conduct करती है तो आप interview face करके जॉब पा सकते हैं ।

या फिर आप खुद की टीम बनाकर एक छोटा सा startup कर सकते हैं और यदि आप self independent रहना चाहते है तो आप कोई online-bussiness start कर सकते है।

Note: यदि आपको कोई कंफ्यूजन हो तो आप हमें कमेंट में जरुर बताएं।

Tuesday, October 16, 2018

ऑपरेटिंग सिस्‍टम


ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Operating Systems) एक सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) है इसको कार्य करने के आधार पर उपयोग के आधार पर और विकास क्रम के आधार पर कई प्रकार से बांटा गया है आईये जानते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार - Types of Operating System

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार - Types of Operating System

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार - Types of Operating System 

उपयोगकर्ता के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार


उपयोगकर्ता के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Operating Systems) को दो भागों में बॉंटा गया है -
  1. सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Single User Operating System) - सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर पर एक बार में एक ही यूजर को कार्य करने की अनुमति देता है यानी यहां पर एक साथ एक से अधिक यूजर अकाउंट नहीं बनाए जा सकते हैं केवल एक ही व्यक्ति काम कर सकता है उदाहरण के लिए एमएस डॉस, विंडोज 95, 98 
  2. मल्‍टीयूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi User Operating System) - ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम जिसमें आप एक से अधिक यूजर अकाउंट बना सकते हैं और उन पर काम कर सकते हैं मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम कहलाते हैं इसमें प्रत्येक यूजर को कंप्यूटर से जुड़ा एक टर्मिनल दे दिया जाता है उदाहरण के लिए लाइनेक्स यूनिक, विंडोज के आधुनिक वर्शन

काम करने के मोड के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार


काम करने के मोड के आधार पर भी इसे दो भागों में विभाजित किया गया है - 
  1. कैरेक्टर यूजर इंटरफेस (Character User Interface) - कैरेक्टर यूजर इंटरफेस को कमांड लाइन इंटरफ़ेस के रूप में भी जाना जाता है इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम में टाइपिंग के द्वारा कार्य किया जाता है इसमें विशेष प्रकार की कमांड दी जाती है कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए और केवल टेक्स्ट का उपयोग किया जाता है इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम का एक अच्छा उदाहरण है एम एस डॉस
  2. ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस (Graphical user interface) ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस (Graphical user interface) जैसा कि इसके नाम में ही प्रदर्शित होता है यह ऑपरेटिंग सिस्टम ग्राफिक्स पर आधारित होता है यानी आप माउस और कीबोर्ड के माध्यम से कंप्यूटर को इनपुट दे सकते हैं और वहां पर जो आपको इंटरफ़ेस दिया जाता है वह ग्राफिकल होता है या यहां पर सभी प्रकार के बटन होते हैं मेन्‍यू होते हैं जो पूरी तरीके से यह बहुत आसान इंटरफ़ेस होता है

विकास क्रम के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार


कम्‍प्‍यूटर के विकास के और कंप्‍यूटर की पीढीयों के आधार पर उसमे चलाए जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्‍टम का विकास भी होता रहा है , इस प्रकार ऑपरेटिंग सिस्‍टम निम्‍न प्रकार के हैं - 

  1. बैच प्रोसेसिंग सिस्‍टम (Batch Processing System)
  2. टाइम शेयरिंंग या मल्‍टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Time Sharing Or Multi User Operating System)
  3. मल्‍टी टॉस्किंंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi Tasking Operating System)
  4. रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Real Time Operating System)
  5. मल्‍टी प्रोसेसर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi Processing Operating System)
  6. एम्‍बेडेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Embedded Operating System)
  7. डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Distributed Operating System)

  1. बैच प्रोसेसिंग सिस्‍टम (Batch Processing System) बेच प्रोसेसिंग सिस्‍टम कम्‍प्‍यूटर मे सबसे पहले उपयोग हुए ऑपरेटिंग सिस्‍टम मे से एक है । बेच ऑपरेटिंग सिस्‍टम के यूजर इसको स्‍वयं उपयोग करने के बजाए अपने जॉब (कार्य को ) पंच कार्ड या इसी प्रकार की अन्‍य डिवाइस मे ऑपरेटर को दे देते हैं तथा ऑपरेटर सभी जॉब का समूह बनाकर उसे चला देता है । सामान्‍यत: बेच ऑपरेटिंग सिस्‍टम एक बार मे एक प्रोग्राम चलाता है इनका उपयोग अब न के बराबर होता है परन्‍तु कुछ मेनफ्रेम कम्‍प्‍यूटर मे अभी भी इसका उपयोग हो रहा है । 
  2. टाइम शेयरिंग या मल्‍टी यूजर सिस्‍टम (Time Sharing Or Multi User Operating System) टाइम शेयरिंग या मल्‍टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम का प्रयोग नेटवर्क मे किया जाता है इसके माध्‍यम से विभिन्‍न यूजर एक ही समय मे एक ही प्रोग्राम का प्रयोग कर सकते हैं । इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्‍टम मे यूजर के अकांंउट बना दिए जाते हैं जिससे यूजर को साॅफ्टवेयर उपयोग करने हेतु कितनी परमीशन है , यह ज्ञात होता है । 
  3. मल्‍टी टॉस्किंंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi Tasking Operating System) - मल्‍टी टॉस्किंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम मे एक ही समय मे एक से अधिक टास्‍क (कार्य ) कराए जाते हैैं । वास्‍तविकता मे प्रोसेसर बहुत जल्‍दी जल्‍दी अलग अलग प्रोसेस को समय प्रदान करता है जिसे सीपीयू शेड्यूू‍लिंग कहते हैं । यह कार्य इतनी अधिक तेजी से होता है कि यूजर को सभी कार्य एक साथ होते हुए प्रतीत होते हैैं । इसका लाभ यह है कि सीपीयू के खाली समय का सर्वोत्‍तम उपयोग हो जाता है । 
  4. रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Real Time Operating System) - रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्‍टम डाटा प्रोसेसिंग सिस्‍टम के रूप मे भी जाने जाते हैं इनमे किसी इवेंट को क्रियान्वित करने के लिए एक पूर्व निर्धारित समय होता है जिसे रिस्‍पांस टाइम कहा जाता है। ये प्राथमिक रूप से प्रोसेस कंट्रोल एवं टेलीकम्‍यूू‍निकेशन मे अधिक प्रयोग किए जाते हैं इनका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यो, मेडीकल इमेजिंग सिस्‍टम, औद्योगिक नियंत्रण सिस्‍टम, रोबोट्स मे, हवाई यातायात नियंंत्रण (एयर ट्राफिक कंट्रोल) इत्‍यादि मे होता है। ये दो प्रकार के होते है 
    1. हार्ड रियल टाइम सिस्‍टम (Hard real time system) ये किसी संवेदनशील कार्यो को निश्चित समय मे पूरा करने की गारण्‍टी देते है, इनमे द्वितीयक मेमोरी नही होती है या बहुत कम मात्रा मे उपलब्‍ध होती है । 
    2. सॉफ्ट रियल टाइम सिस्‍टम (Soft Real Time System) ये हार्ड रियल टाइम सिस्‍टम की तुलना मे थोड़ा कम पाबंद होते हैैं पर ये संवेदनशील कार्यो को अन्‍य सभी कार्यो से अधिक वरीयता देते हैैं। मल्‍टीमीडिया , वर्चुअल रियेलिटी आदि कार्यो मे इनका अधिक उपयोग होता है । 
  5. मल्‍टी प्रोसेसर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi Processing Operating System) इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्‍टम उन जगहो पर उपयोग किए जाते हैं जहॉं पर एक से अधिक प्रोसेसर सिस्‍टम मे लगे हुए होते हैैं । एक से अधिक प्रोसेसर इस्‍तेमाल करने की तकनीक को पेरे‍लल प्रो‍सेसिंग कहा जाता है । 
  6. एम्‍बेडेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Embedded Operating System) - एम्‍बेडेड सिस्‍टम ऐसे आॅपरेटिंग सिस्‍टम हैं जो कि किसी इलेक्‍ट्राि‍निक्‍स या अन्‍य प्रकार की हार्डवेयर डिवाइस मे ही उपस्थित रहते हैं ये रोम मे ही उपस्थित रहते हैं इनका उपयोग घरेलू उपयोग वाले उपकरण जैसे माइक्रोवेव ओवन, वाशिंग मशीन, कार मेनेजमेंट सिस्‍टम, ट्राफिक कंट्रोल सिस्‍टम इत्‍यादि मे किया जाता है ।
  7. डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम ( Distributed Operating System) ये कई सारे प्रोसेसरों का उपयोग कर विभिन्‍न एप्‍लीकेशनो को चलाते हैैं तथा इन एप्‍लीकेशनो या सॉफ्टवेयरों का उपयोग भी कई सारे यूजर करते हैं इन्‍हे लूजली कपल्‍ड आॅपरेटिंग सिस्‍टम भी कहा जाता है । इसका लाभ यह है कि यूजर को बहुत सारे रिसोर्स उपयोग करने हेतु मिल जाते हैं एवं अगर एक सिस्‍टम बिगड़ जाता है तो अन्‍य सिस्‍टम का उपयोग किया जा सकता है      
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Friday, October 12, 2018

Search Your Name on Voter List Online

ऐसे चैक करें ऑनलाइन वोटर लिस्ट में अपना नाम - Search Your Name on Voter List Online


वोटर लिस्‍ट (Voter List) कई काम आती है, चुनाव आयोग (Election commission) द्वारा चुनाव की तारीख तय कर दी गयी हैं, अगर आप भी इस बार 18 वर्ष के हुए हैं और जानना चाहते हैं कि आपका नाम वोटर लिस्‍ट (Voter List) में है या नहीं तो यह बहुत आसान है आप वोटर लिस्‍ट (Voter List)  में अपना नाम ऑनलाइन चैक कर सकते हैं और वोटर लिस्‍ट (Voter List) का प्रिंट भी ले सकते हैं आईये जानते हैं कि कैसे चैक करें ऑनलाइन वोटर लिस्ट में अपना नाम - How To Search Your Name on Voter List Online

ऐसे चैक करें ऑनलाइन वोटर लिस्ट में अपना नाम - Search Your Name on Voter List Online


  • ऑनलाइन वोटर लिस्ट में अपना नाम सर्च करने के लिये आपको जाना होगा electoralsearch.in पर 
  • यहॉ आपको एक सिम्‍पल फार्म दिखाई देगा 
  1. यहॉ आपको दो आप्‍शन दिखाई देंगे - 
    1. Search by Details - यदि आपको  वोटर आई डी नंबर नहीं पता तो इसे यूज करें  
    2. Search by EPIC No - यदि आपको वोटर आई डी नंबर पता है तो इसे यूज करें 
  2. यदि आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है तो आप Search by Details पर क्लिक करें
  3. अपना नाम एंटर करें लेकिन ध्‍यान रखें पूरे नाम "Ram Sharma" के बजाय "Ram" टाइप करें, साथ ही पिता या पति के नाम में भी इसी प्रकार नाम टाइप करें ।
  4. इसके बाद यदि आपको अपनी जन्‍मतिथि पता है तो जन्‍मतिथि/DOB रेडियो बटन पर क्लिक करें और यदि आपको जन्‍मतिथि नहीं पता है तो उम्र रेडियो बटन पर क्लिक करें और अपनी उम्र भर दें। 
  5. इसके बाद राज्य(State), जिला(District) और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र (Assembly Constituency) को सलेक्‍ट करेंं। इसके अलावा आप मैप का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैंं।
  6. अब नीचे दिये गये कैप्‍चा कोड को सही सही भरें और Search बटन पर क्लिक करें। 
  • अगर आपका नाम वोटर लिस्‍ट में दर्ज होगा तो आपको नीचे मतदाता सूचना/Voter Information का लिंक दे दिया जायेगा। जिसमें मतदान केंद्र/Polling Station आदि संबधी सभी सूचनायें मिल जायेंंगी।
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Wednesday, October 10, 2018

ब्लॉगर में फेसबुक पेज कैसे लगाए ?

ब्लॉगर में फेसबुक पेज कैसे लगाए ?


ब्लॉगर में फेसबुक पेज लगाना बहुत ही आसान है। ब्लॉगर में फेसबुक पेज कैसे लगते है उसकी पूरी जानकारी निचे दी गयी है। आप भी निचे दी गई जानकारी को पढ़ कर अपने ब्लॉग में आसानी से अपने फेसबुक पेज को लगा सकते हो। 


Step 1) फेसबुक पेज को ब्लॉग में लगाने के लिए सबसे पहले आप फेसबुक के डेवेलपर्स पेज को ओपन कर लीजिये। (फेसबुक के डेवेलपर्स पेज को ओपन करने के लिए गूगल में सर्च करे "Facebook Page Plugin" इसको सर्च करने के बाद आपको सबसे ऊपर लिखा हुआ मिलेगा "Page Plugin - Social Plugins - Facebook for Developers" आपको इसके ऊपर क्लिक कर देना है। या फिर निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के भी आप इसको ओपन कर सकते हो। ) 


Page Plugin - Social Plugins - Facebook for Developers

1.) जब आप फेसबुक के डेवेलपर्स पेज को ओपन करोगे तो आपको सबसे पहला ऑप्शन मिलेगा "Facebook Page URL" इस ऑप्शन में आपको अपने फेसबुक पेज का यूआरएल लिखना होता है। 

2.) उसके बाद अगला ऑप्शन है " Tabs " इस ऑप्शन में आप फेसबुक के किसी भी टैब का इस्तमाल कर सकते हो। यदि आप किसी भी टैब्स का इस्तमाल नहीं करना चाहते हो तो आप इसको खाली छोड़ दीजिये।


3.) उसके बाद अगला ऑप्शन है "Width" और "Height" का तो इस ऑप्शन में आपको अपने फेसबुक पेज की लम्बाई और चौड़ाई कितनी रखनी है वो बतानी होती है। 


4.) उसके बाद अगला ऑप्शन है "Use Small Header" का तो यदि आप अपने फेसबुक पेज के हैडर को छोटा रखना चाहते हो तो इस ऑप्शन को सेलेक्ट कर लीजिये और यदि हैडर को बड़ा रखना चाहते हो तो इस ऑप्शन को सेलेक्ट मत कीजिये। 
 

5.) उसके बाद अगला ऑप्शन है "Hide Cover Photo" का तो यदि आप अपने फेसबुक पेज की कवर फोटो को छिपाना चाहते हो तो इसको सेलेक्ट कर लीजिए और यदि नहीं छिपाना चाहते हो तो इसको छोड़ दीजिये। 


6.) उसके बाद अगला ऑप्शन है "Adapt to plugin container width" इस ऑप्शन को सेलेक्ट करने पर आपके फेसबुक पेज की चौड़ाई आपके पेज, ब्लॉग या वेबसाइट के अनुसार कम या ज्यादा हो जाएगी। इस ऑप्शन को आप हमेशा सेलेक्ट कर के रखे। 


7.) उसके बाद अगला ऑप्शन है "Show Friend's Faces" इस ऑप्शन को सेलेक्ट करने पर आपके जिन दोस्तों ने आपके फेसबुक पेज को लाइक कर रखा है उनके चहरे आपके फेसबुक पेज के नीची दिखाई देंगे। 


8.) ये सब कर लेने के बाद आपको निचे "Get Code" के नाम से एक ऑप्शन मिलेगा आपको उसके ऊपर क्लिक कर देना है। "Get Code" पर क्लिक करने के बाद आपको दो कोड दिए जायेगे। इन दोनों कोड को आपको अपने ब्लॉग के अंदर लाना होगा। दोनों कोड को ब्लोगेर के अंदर कैसे लगाना है वो भी समझ लीजिये। 



Step 2) दोनों कोड में से जो पहला कोड है उसको आपको अपने ब्लॉगर में HTML के अंदर Opening body टैग के बाद लगाना है। 
तो सबसे पहले आपको पहले (First) कोड को कॉपी कर लेना है। उसके बाद आपको ब्लॉगर में आ जाना है और ब्लॉगर में Theme ऑप्शन पर क्लिक करना है। उसके बाद HTML ऑप्शन पर क्लिक कर देना है। उसके बाद HTML में आपको  body टैग को सर्च करना है। body टैग को सर्च करने के लिए आपको अपने की-बोर्ड से ctrl+f दबाना है। उसके बाद एक सर्च बॉक्स ओपन होगा उसमे आपको <body लिखना है और सर्च करना है। उसके बाद आपको Opening body टैग दिखाई देगा आपको Opening body टैग के निचे उस कोड को पेस्ट कर देना है। और उसके बाद अपनी थीम को Save कर देना है। 



Step 3) पहले (First) कोड को ब्लॉगर में लगाने के बाद आपको दूसरे कोड को कॉपी करना है और आप अपने ब्लॉग में जहा पर अपना फेसबुक पेज लगाना चाहते हो वहाँ पर उस Code को लगा देना है। जैसे की मान लीजिये आप अपने फेसबुक पेज को Sidebar में लगाना कहते हो तो आपको ब्लॉगर की Layout ऑप्शन में आना है और Sidebar में आपको html/javascript gadget को ऐड कर लेना है और html/javascript gadget में आपको वो दूसरा कोड पेस्ट कर देना है और उसको Save कर देना है। और उसके बाद आपको Layout को Save कर देना है। 

ये सब करने पर आपका फेसबुक पेज आपके ब्लॉगर के अंदर लग जायेगा


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Monday, October 8, 2018

 Computer Knowledge in Hindi

Computer Knowledge in Hindi


Computer Knowledge Hindi में – कंप्यूरटर का ज्ञान अब और भी आसान

Computer Knowledge In Hindi-2

Importance of Computer Knowledge In The Modern Society:

हम एक तेजी से चल रही दुनिया में रहते हैं, जहां लगभग सभी चीजें हमारे पास तुरंत आती हैं। इस कंप्यूटर युग में, हम हमारे कामों को पूरा करने और प्रॉब्‍लम सॉल्‍व करने के लिए कंप्‍यूटर पर निर्भर हो गए हैं।
आज कंप्‍यूटर का उपयोग, बिज़नेस, फार्मेसी, म्यूजिक, एजुकेशन, इंजीनियरिंग, डिफेंस, ट्रांसपोर्टेशन और कुकिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है क्योंकि वे टास्‍क को आसान करते हैं, जानकारी को तेज़ी से प्रदान करते हैं और काम की स्‍पीड को बढ़ाने में मदद करते हैं।
इस परिस्थिति में हम कंप्‍यूटर नॉलेज के बिना अधूरें हैं और यदि हम कंप्‍यूटर का नॉलेज को हासिल नहीं करेंगे, तो हम हजारों साल पिछे चले जाएंगे।
कंप्यूटर एजुकेशन से मेरा मतलब है कि कंप्यूटर बेसिक कांसेप्ट को सिखना, कंप्‍यूटर ऑपरेशन के बारें में बेसिक नॉलेज लेना, कंप्‍यूटर के बेसिक कंपोनेंट्स और उनके फंक्‍शन के बारें मे जानकारी प्राप्‍त करना, कंप्‍यूटर यूज के पिछे के बेसिक कांसेप्ट को समझना और कंप्‍यूटर के ऐप्‍लीकेशन कैसे काम करते हैं यह सीखना हैं।

जिस तरह से आज कंप्यूटर का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है, कंप्यूटर का एजुकेशन प्राप्त करना आज की जरूरत है।

बेसिक कंप्‍यूटर स्किल, जो कि हर व्यक्ति को उसके उम्र के बावजूद पता होना चाहिए वह हैं माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, पावर पॉइंट और नोटपैड जैसे कॉमन ऐप प्रोग्राम।
आपको पता होना चाहिए की ऑनलाइन कैसे जाते हैं, ई-मेल अकाउंट कैसे बनाते हैं और उसे चेक करते हैं, मेल कैसे भेजते हैं और ई-मेल के कई फीचर्स का इस्‍तेमाल कैसे करते हैं।
ईमेल और इंटरनेट के साथ परिचय, लगभग हर नौकरी के लिए एक बुनियादी आवश्यकताएं बनती जा रही है। अधिकांश जॉब्‍स को ऑनलाइन पोस्ट कीया जाता हैं, और कोई व्यक्ति ऑनलाइन एडवरटाइजमेंट को बिना किसी ईमेल अकाउंट से कैसे रिप्‍लाई कर सकता है?

“जितना अधिक आप कंप्‍यूटर के बारें में जानेंगेउतना ही आपको पता चलेगा कि आप कुछ नहीं जानते हैं।”

कंप्यूटर का उपयोग हमारें दैनिक जीवन में रोजाना किया जाता है, और उन्हें दिन-प्रतिदिन जीवन में बहुत महत्व प्राप्‍त हो रहा है। उनकी बढ़ती उपयोगिता ने कंप्यूटर शिक्षा को आज की आवश्यक बना दिया है।

Basic Computer Knowledge in Hindi:

भाषा गहराई से हमारी संस्कृति और पहचान के साथ जुड़ी है। रिसर्च से पता चला है कि कुछ नया सिखना हो तो मातृभाषा में वह बहुत जल्‍द सिखा जा सकता है। 
Basic Computer Knowledge in Hindi:
कंप्‍यूटर के विषयों का नॉलेज इंटरनेट पर उपलब्‍ध है। लेकिन अगर यही नॉलेज आपको आपकी मातृभाषा में मिले तो विषयों को समझना काफी आसान होता है। यही बात ध्‍यान में रखते हुए यह साइट हिंदी भाषा में लिखी गयी है। कंप्‍यूटर का ज्ञान हिंदी भाषा में बहुत आसानी से और बहुत जल्‍दी समझ में आता है।
यह साइट उन सभी के लिए उपयोगी होगी जो कंप्‍यूटर के विषय में रूचि रखते है और कंप्‍यूटर टेक्‍नोलॉजी के साथ अप-टू-डेट रहना चाहते है।

How to block a website in Hindi


How to block a website in Hindi - किसी वेबसाइट को ब्‍लॉक कैसे करें

इंटरनेट (Internet) पर हजारों लाखों वेबसाइट (Website) हैं, जिसमें हर तरह का कंटेंट (Content) शामिल है। घर पर कंप्‍यूटर को बच्‍चे भी चलाते हैं, इंटरनेट को भी इस्‍तेमाल करते हैं, एेेसे में आपके लिये यह जानना जरूरी है कि किसी वेबसाइट को ब्‍लॉक (Website blocking) कैसे किया जाता है - How to block a website in Hindi

Way to Block a Website in Windows 7 - विंडोज 7 में वेबसाइट को ब्‍लॉक करने का तरीका


  • सबसे पहले आपको ड्राइव C में जाना होगा, यहॉ Windows>System32>drivers>etc फोल्‍डर में जाईये
  • etc फोल्‍डर में आपको Host नाम की फाइल दिखाई देेगी, इस पर डबल क्लिक कीजिये, इससे Open With लिस्ट से नोटपैड को सलैक्‍ट कीजिये और ओके पर क्लिक कीजिये, ऐसा करने आपकी यह फाइल Noteped मेंं खुल जायेगी।

  • इस नोटपैड की फाइल के लास्‍ट में जााईये यहॉ आपको यह लिखा दिखाई देगा 
    • # 127.0.0.1       localhost
    • # ::1             localhost
  • अब आप जिस वेबसाइट को ब्‍लॉक करना चाहते हैं, उसका नाम # ::1   localhost लाइन के बाद एंंटर करके टाइप करें, लेकिन टाइप करने से पहले 127.0.0.1 कोड टाइप करें अौर फिर साइट का नाम कुछ ऐसे - 
    • # 127.0.0.1       localhost
    • # ::1             localhost
    • 127.0.0.1 www.google.com
  • इसी तरह आप उन सभ साइट के नाम टाइप कर दें जो आपको ब्‍लॉक करनी हैं, लेकिन हॉ एक बात याद रखें कि एक वेबसाइट एक नई लाइन बनायें। 
  • इसके बाद hosts फाइल को बंद करें और Save पर क्लिक करें।
  • अगर आप फाइल को Save नहीं कर पा रहे हैं तो फाइल को एडिट करने से पहले hosts नाम वाले फाइल पर राइट-क्लिक करें और फिर प्रॉपर्टी चुनें। सिक्योरिटी टैब पर क्लिक करें, Administrator account चुनें और फिर एडिट पर क्लिक करें।