दुनिया भर में शायद ही कोई मोबाइल फोन यूजर होगा जिसने सेल्फी का नाम ना सुना हो, युवा तो सेल्फ़ी के पीछे पागल हैं, सेल्फी का क्रेज हर उम्र के लोगों में दिखाई देता है, ये ऐसा दौर है जब सेल्फ़ी के लिये स्पेशल कैमरा फोन बनाये जा रहे हैं तो क्या आप जानना नहीं चाहेगें कि ये सेल्फ़ी शब्द अचानक से कहां से आया सेल्फ़ी का इतिहास क्या है और साथ ही सेल्फी के फायदे और नुकसान क्या है तो आईये जानते हैं सेल्फ़ी क्या है? What is selfieसेल्फी का अर्थ है एक ऐसी तस्वीर जो अपने कैमरे, स्मार्टफोन या वेबकैम से खुद ही खीची हो, तो सेल्फी का मतलब आप जानते ही हैं खुद ही अपनी तस्वीरें खींच कर सोशल मीडिया पर अपलोड और शेयर करने का चलन 'सेल्फी' नाम से जाना जाने लगा है लेकिन क्या आपको पता ये श्ाब्द चलन में कब से आया
पहली 'सेल्फी' कब खींची गयी
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पहली सेल्फी लगभग 150 साल पहले खींची गयी थी और इसका नाम सेल्फी नहीं सेल्फ पोट्रेट (Self portraits) हुआ करता था यानि खुद अपनी तस्वीर बनाना, पहली सेल्फी जब खींची गयी तो आज की तरह जबदस्त कैमरे नहीं थे यह बहुत ही साधारण दिखने वाली ब्लैक एण्ड व्हाइट सेल्फी या कहें तो सेल्फ पोट्रेट थी जो स्वीडिश आर्ट फोटोग्राफर ऑस्कर गुस्तेव रेजलेंडर अपनी कैमरे से खींची थी
सेल्फ़ी शब्द का इतिहास - History of selfie
- 2002 पहली बार सेल्फ़ी शब्द का इस्तेमाल आस्ट्रेलियाई वेबसाइट ने किया था।
- 2003 सोनी एरिक्सन ने पहला फ्रंट फेंसिंग कैमरा Z1010 मोबाइल लांच किया
- 2004 से ही फोटो शेयरिंग वेबसाइट्स फ्लिकर्स पर सेल्फी को हैशटैग के साथ इस्तेमाल किया जाता
- 2012 तक सेल्फ़ी शब्द का इस्तेमाल बहुत होता था
- 2013 में सोशल मीडिया पर 'सेल्फ-पोट्रेट' फोटोग्राफ के शार्टकट् के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाने लगा और तब से यह शब्द आम बोलचाल की भाषा में शामिल हुआ और बहुत लोकप्रिय हुआ
- 2013 में ही 'सेल्फी' शब्द को ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द इयर बना गया
सेल्फी अभियान - Selfies campaign
- भारत के पूूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी जी ने जून 2017 में ‘बेटी के साथ सेल्फी’ अभियान की शुरूआत जिसके तहत ‘बेटी के साथ सेल्फी’ मोबाइल एप शुरू का लांच किया गया बेटी के साथ सेल्फी’ एप कन्या भ्रूण हत्या तथा लिंग जांच के विरूद्ध विश्वव्यापी आंदोलन में मदद करेगी
- इसके अलावा सेल्फी विद कूड़ा मुहिम भी चल रही है जिसके अगर आप अपने इलाके को गंदगी से मुक्त करना चाहते हैं तो अपने एरिया में फैली गंदगी के साथ सेल्फी खींचकर एनबीटी के सिटिजन रिपोर्टर ऐप में अपलोड कर सकते हैैं ।
बचपन में आपने भी खींची होगी 'सेल्फी'
अगर आपको याद हो तो जब स्मार्टफोन आने से पहले डिजिटल कैमरे थे और उससे पहले रील वाले कैमरे हुआ करते थे और आपको उसमें पूूरे परिवार का फोटो खींचना होता था तो आप उसे किसी जगह टाइमर लगाकर रखते थे और दौडकर अपनी जगह बैठ जाते थे ये भी सेल्फी या सेल्फ पोट्रेट (Self portraits) था या अगर आपको याद हो तो कितनों ने घर में लगे शीशे में खुद का फोटाे खींचा होगा, हालांकि बहुत से केसों में कैमरे के फ्लैश की चमक आ जाती ही थी और ये पता चलता था रील के डेवलप होने के बाद लेकिन अब सेल्फ़ी इतनी लोकप्रिय क्यों है
सेल्फी के फायदे - Advantage Of Taking Selfie
- सेल्फी लेने का सबसे बडा फायदा यह है इसके लिये आपको किसी की जरूरत नहीं हाेती है आप खुद ही अपना फोटो खींच सकते हैं
- आप अगर ग्रुप फोटो खींच रहें तो आप भी उसमें शामिल हो सकते हैं जबकि पहले तस्वीर खीचने वाला व्यक्ति फोटो से गायब रहता था
- सेल्फी लेते समय आप तस्वीर की गुणवत्ता काे ठीक सकते हैं, आप कैसे दिख रहे है आपके पीछे का बैकग्राउंड कैसा है इत्यादि
- आप किसी भी काेण से बडें आराम फोटो खींच सकते हैं
- आप फोटो के साथ कोई भी फिल्टर बडे आराम से जोड सकते है
सेल्फी के नुकसान - Disadvantages of Selfie
- आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हर सेकंड अकेले फेसबुक पर दस हज़ार से ज्यादा सेल्फ़ी अपलोड होती है वह भी केवल भारत से, लेकिन इससे ज्यादा आश्चर्य आपको यह जानकर होगा कि सेल्फ़ी दुर्घटनाओं का कारण भी बन रही हैं एक न्यूज के अनुसार 2014 से सितंबर, 2016 के बीच दुनिया भर में सेल्फी लेने के चक्कर में 127 लोगों ने जान गंवाई, जिनमें से लगभग 60% यानि 76 मौतें भारत में हुई हैं ये आंकडा चौकाने वाला है
- ऐसे देश जहां सेल्फी लेने के चक्कर लोगों अपनी जान गवांई है उन्हें सेल्फी डेथ कंट्री में शामिल किया गया जिसमें अब भारत भी है, सरकार ने ऐसी कई जगहों पर नो सेल्फी जोन बनायें हैं जहां सेल्फी लेना खतरनाक हो सकता है
- इसके अलावा ज्यादा सेल्फी लेने का शौक कई सारी मनोवैज्ञानिक बीमारियों को जन्म दे रही है
- कुछ मामलों में लोग कॉस्मेटिक सर्जरी करा रहेे हैैं कि उनकी सेल्फी अच्छी आये
- सेल्फी लेने आदत लोगों के रोज के काम में बाधा भी डाल रही है
- सेल्फी लेने के बाद उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं किया जाये तो उसे बेचैनी होने लगती है
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