Friday, October 19, 2018

दुनिया के 8 सबसे अनोखे शहर

दुनिया के 8 सबसे अनोखे शहर







दुनिया के 8 सबसे अनोखे शहर

दुनिया के 8 सबसे अनोखे शहर
दुनिया में ऐसे बहुत से चेहरे हैं जो कि अपने किसी विशेष चीज के लिए प्रसिद्ध होते हैं और उन्हें देखने के लिए लोग वहां पर जाते हैं और उन्हें देखने के लिए यहां पर सिर्फ उन्हीं के लोग नहीं बल्कि विदेशों से लोग भी आते हैं ऐसे बहुत से शहर है जो की बहुत ही अच्छे अच्छे शेर होते हैं जैसे की न्यूयॉर्क शहर लंदन वॉशिंगटन इस तरह के बहुत से चेहरे हैं जो की बहुत ही प्रसिद्ध शहर होते हैं लेकिन इनके अलावा भी कुछ ऐसे शहर होते हैं जो कि अपने किसी भी चीज के लिए प्रसिद्ध होते हैं
क्योंकि यह शहर देखें तो हम किसी चीज के लिए प्रसिद्ध नहीं बल्कि यह दुनिया के सबसे बड़े शहरों में आते हैं लेकिन हम आपको आगे से शहरों के बाद बताएंगे जो किसी अपनी किसी विशेष चीज के लिए प्रसिद्ध है और वह लगातार उसी चीज के लिए प्रसिद्ध होते आ रहे हैं इसमें कुछ भी हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे देश बताएंगे जो लगातार कई सदियों से ऐसे ही चले आ रहे हैं तो आज हम आपको इस पोस्ट के अंदर दुनिया के आठ ऐसे अनोखे शहरों के बारे में बताएंगे जो कि अपने किसी सभ्यता या विशेष चीज के लिए प्रसिद्ध है तो नीचे हम आपको ऐसे ऑन ओके सर बता रहे हैं
शहर की सी सभ्यता की विकास की पहचान करवाता है और शहरों के कारण ही आज प्राचीन सभ्यता इतिहास में प्रचलित है और शहर किसी भी देश या अर्थव्यवस्था के लिए विकास का सबसे बड़ा साधन है क्योंकि शहरों से ही देश में सब कुछ चलता है और किसी भी देश के विकास की नीव शहर से ही रखी जाती है क्योंकि शहर वह जगह है जहां पर हर एक व्यक्ति को नौकरियां और जरूरतमंद चीजें सब कुछ मिलता है और जितने शहर तरक्की करेंगे उतना ही देश तरक्की करेगा|
दुनिया में कुछ शहर बड़े हैं कुछ छोटे शहर हैं लेकिन कुछ प्राचीन शहरों के अवशेष हम भी आकर्षण का केंद्र बने हुए वह शहर दुनिया में कुछ अनोखे हैं वह और शहरों से कुछ अलग है और वर्तमान में तो शहरों में इतनी तरक्की है की  विकास को एक अलग स्तर  पर ले गए हैं वर्तमान में कुछ ऐसे शहर हैं जो आज भी दुनिया के कुछ अनोखे शहर हैं वह दुनिया के और शहरों से बिल्कुल अलग है तो मैं आज आपको दुनिया को  शहरों के बारे में बताऊंगा जो और शहरों से अलग है तो देखिए|

1. Coober Pedy Australia

धरती के नीचे बसे शहरों के बारे में आपने किसी मूवी या किसी कहानी में जरुर सुना होगा लेकिन ऑस्ट्रेलिया में मोजूद ये शहर इन कहानियो को सच बना देता है .जी हा  Coober Pedy एक ऐसी जगह है जन्हा लोग जमीं के नीचे अपने घर बना कर रहते है .ये जगह  ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण भाग में स्थित है .और यंहा दुनिए के सबसे ज्यादा दूधिया पत्थर (Opals) के लिए प्रसिद्ध है .
दुधिया पत्थरो के बाद ये शहर भूमिगत घरो के लिए भी प्रशिद्ध है .यंहा पर ज्यादातर घर पत्थरों के खदानों में बने और कुछ पहाडियों में खुदाई करके बनाये गए है .यंहा पर लोग ज्यादा गर्मी से बचने के लिए घरो को जमीन में बनाते है .लेकिन यंहा पर सिर्फ घर ही जमीन के निचे नहीं है यंहा पर लगभग सभी दुकाने ,होटल ,स्कूल और चर्च तक भी जमीन के निचे है .

2.Kingdom Of Little People China

किंगडम ऑफ लिटिल पीपल चाइना का एक शहर है और यह शहर परियों के शहर की तरह ही है इस शहर में सारे बौने लोग रहते हैं इस शहर को फार्म भी कहा जाता है क्योंकि यह बिल्कुल छोटा सा है और इसमें बोलने लोगों को रोजगार दिया जाता है इस शहर का निर्माण  सितम्बर 2009 में चेन Mingjing, एक धनी अचल संपत्ति निवेशक किया था 2010 के रूप में, वहाँ 100 से अधिक कर्मचारियों को जिनकी उम्र 19 से 48 तक बताया गया
इस शहर में रहने के लिए कुछ शर्ते होती है जैसे कर्मचारियों को कम से कम 51 इंच लंबा होने की आवश्यकता थे। कर्मचारियों पास शयनगृह जो विशेष रूप से छोटे लोगों के लिए सुलभ हो निर्माण किया गया में रहते हैं दिन में यह लोग इस शहर में कलाकारों गाते हैं, नृत्य, और पर्यटकों के आने के लिए मंच पर प्रदर्शन करते हैं रात के समय पास में ही एक बोर्डिंग हाउस बनाया गया है उसमे चले जाते है और दुनिया से बहुत सारे पर्यटक शहर को देखने आते हैं|

3. Miyake Jima Japan

Miyake-Jimaजापान का एक शहर है जापान वैसे तो दुनिया के विकसित देशों में से एक है पर जापान का एक ऐसा शहर है जो एक टापू पर बसा है और उस टापू पर एक ज्वालामुखी है जो सक्रिय है और वह वह ज्वालामुखी बहुत बारी फट चुकी है जिसके कारण वहां सल्फर डाइऑक्साइड गैस अभी भी निकलती है और बहुत ज्यादा मात्रा में निकलती है जिसके कारण हवा में बहुत ज्यादा सल्फर डाइऑक्साइड है और वहां की हवा बिल्कुल जहरीली हो चुकी है इसके कारण वहां के लोग दिन हो रात को मास्क लगाकर घूमते हैं और कभी मास्क उतारते नहीं है
सन 14 जुलाई 2000 को यहा ज्वालामुखी फटी जिसके कारण यह शहर खाली करवा लिया गया इसके बाद 4 साल बाद यहां के निवासियों को यहां वापस रहने की अनुमति दी गई है और उनको गैस मास्क साथ रखने की अनिवार्यता भी दे गई है क्योंकि अभी भी यहां हवा में बहुत ज्यादा सल्फर डाइऑक्साइड है|

4. Thames Town China

चीन की अर्थव्यवस्था पिछले कई दसको से काफी तेज से बड़ी है और ऐसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की है . इस अर्थव्यवस्था को बांये रखने के लिए और किसी एक शहर पर ज्यादा बोझ न हो इसी लिए चाइना ने कई नए नए शहर बनाये है .ये शहर को बहुत ही तेजी से बनाये गए और इतनी तेजी से बनाये की इन्हें बसने तक का समय नहीं मिल पाया .और इन्ही में से एक शहर है Thames Town जिसे इंग्लैंड की कॉपी के रूप में बनाया गया है .
इसका नाम भी लन्दन की नदी Thames के नाम पर रखा गया है .इस शहर की सारी गलिय ,घर ,सड़के सभी इंग्लैंड से कॉपी किया गया है .और ये शहर चाइना में छोटे इंग्लैंड के जैसे लगता है .यांह सहर सिर्फ इंग्लैंड की कॉपी होने के लिए महसूर नहीं है ये इस लिए भी महसूर है क्यूंकि ये शहर लगभग खाली है .और इसी लिए इसे Ghost टाउन भी कहा जाता है .

5. Centralia Pennsylvania USA

Centralia एक बोरो और कोलंबिया काउंटी, पेंसिल्वेनिया, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक  शहर है। इसकी जनसंख्या 2010 में केवल 10 और सन 1980 में 1,000 से अधिक थी है इस शहर के धरती के नीचे हमेशा आग  धधकती रहती है ऐसा इसलिए है क्योंकि सन 1962 में यहां कोयले की खदानों में आग लग गई थी और वह आग आज तक नहीं भूझी है वह धरती के नीचे हमेशा धधकती रहती है
दुनिया के 5 सबसे अनोखे शहर
यह शहर एक समय में बहुत ही तेजी से विकसित हो रहा शहर था और यहां बहुत ज्यादा मात्रा में कोयले की खदाने थी और बहुत ज्यादा लोग वहां काम करते थे पर जब 1962 में यह कोयले की खदान में एक दिन आग लग गई और उस पर काबू नहीं पाया गया उसके बाद यह शहर तबाह हो गया और सिर्फ आज वही लोग शहर में रहते हैं जिनको अपना आखिरी समय तक किसी शहर में भी बिताना हो और कहा जाता है कि यह आग 250 सालो तक भी नहीं बुझने वाली और तब तक शहर में कोई रहने नहीं आने वाला है |

6 . Auroville (India)

Auroville भारत के राज्य तमिलनाडु, में स्थित है और इसके कुछ हिस्से में पुडुचेरी आते है  इसका निर्माण  1968 में मीरा अल्फासा और वास्तुकार Roger Anger द्वारा किया गया यह भारत का सबसे आदर्श शहर माना जाता है इसका मीरा अल्फासा ने देखा था उनका सपना था कि कि ऐसा शहर हो कि जहा  किसी भी देश के लोग बिना किसी जात पात और धर्म के भेदभाव के आपसी भाईचारे से रह सके.
इस शहर की जनसंख्या 2000 के करीब है और आश्चर्य की बात यह है कि उनमें से ज्यादा विदेशी है और यहां कोई भी अपनी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक नहीं रखता और पैसे का आदान-प्रदान तो ना के बराबर है इस शहर का उद्देश्य है की सभी लोग बिना किसी जात पात धर्म के भेदभाव के बिना सार्वभौमिक तरीके से इकट्ठे रहें और इस शहर के बीच में एक गोल मंदिर है और उस मंदिर में सभी धर्म के लोग अपने ईश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं इसलिए यह शहर आज दुनिया भर में प्रसिद्ध है और बहुत ही ज्यादा मात्रा में विदेशी आना इस शहर को देखने आते हैं|

7 . Manshiyat Naser (Egypt)

Manshiyat नसीर काहिरा, मिस्र का एक शहर है जो  Garbage City.सिटी के नाम से भी जाना जाता है आपने शहरों में कूड़ा तो देखा होगा और शहरों में इसके लिए व्यवस्था भी होती है पर यह ऐसा शहर है जिसके अंदर शहर के एक-एक घर गली में कूड़े के ढेर है इस शहर में लोग रीसाइक्लिंग का काम करते हैं और वह अपने काम में बहुत ही  माहिर है वह कूड़े को 90% रीसायकल कर देते हैं जो किसी विकसित देश से 4 गुना ज्यादा है.
और आश्चर्य की बात तो यह है कि शहर का 80% लोग रीसाइक्लिंग काय काम करते हैं और सुबह से शाम तक सारे शहर का कचरा उठाते हैं और उसको रिसाइकल करते हैं यहां शहर के हर हिस्से पर कचरा कचरे के बड़े-बड़े ढेर मिल जाएंगे इसलिए यह शहर दुनिया भर में चर्चा का विषय है|

8 . The Villages Florida (U.S.A)

The Villages फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक शहर है  यह शहर इस शहर में कोई भी 19 साल से कम नहीं रहता यह यहां का नियम है और हर परिवार में एक 55 साल या उससे अधिक उम्र  का व्यक्ति होना चाहिए और इस शहर की जनसंख्या 1,57,000 हैयह शहर इसलिए बनाया गया है की रिटायरमेंट के बाद लोगों को अच्छा और आरामदायक वातावरण प्रदान कर सके और प्रशासन इसमें आज तक कामयाब रहा है जहां नहीं तो कोई क्राइम का कैसा था और ना ही कोई लड़ाई झगड़ा करते बहुत ही शांत माहौल से सभी रहते हैं और बहुत तेजी से यह सर बढ़ता हुआ जा रहा है इसलिए यह शहर आज दुनिया भर में प्रसिद्ध है और अमेरिका के और शहरों से बिल्कुल ही अलग है|
तो आज हमने आपको इस पोस्ट के अंदर दुनिया के 8 ऐसे अनोखे शहरों के बारे में बताएं जो कि आपने किसी विशेष की चीज के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि जिस देश के ऐसे शहर होते हैं जो कि उसकी किसी पर्यटन स्थल का भी रूप धारण करते हैं और उन शहरों को उनकी विशेषता के लिए दुनिया भर में लोग देखने जाते हैं मैं करता हूं आपको हमारे द्वारा बताए गए अनोखे शहर के बारे में जानकारी बहुत पसंद आई होगी यदि आपको यह जानकारी पसंद आये तो  शेयर करना न भूले |


पोखरण परमाणु परीक्षण इतिहास

पोखरण परमाणु परीक्षण इतिहास

MY GUIDE- आईये कुछ नया जाने

पोखरण परमाणु परीक्षण इतिहास
By MY GUIDE on OCTOBER  19, 2018


हम सभी जानते हैं किसी भी देश की सुरक्षा के लिए उसके हथियार बहुत जरूरी होते हैं चाहे वह किसी भी तरह के हो और आज के समय में लगभग बहुत से देशों के बाद पास अपनी परमाणु शक्ति है जिससे वे एक दूसरे देश पर हमला करके कुछ ही समय में सब कुछ ख़त्म कर सकते हैं.


लेकिन यह सभी परमाणु हथियार सुरक्षा के लिए बनाए जाते है.और आज के समय में अमेरिका चीन जापान जैसे देशों के पास अपनी परमाणु शक्ति मौजूद है और इसमें भारत का भी नाम आता है. तो आज की पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि किस तरह से भारत में परमाणु बम का आविष्कार किया गया और उस का सफल परीक्षण किया गया और इस परमाणु बम के आविष्कार की पूरी कहानी इस पोस्ट में विस्तार से बताएंगे तो आप इस पोस्ट को पूरा और अंत तक जरूर देखें .

पोखरण परमाणु परीक्षण 1
18 मई 1974 के दिन उस समय के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास एक फोन आने का इंतजार होता है और जब वह फोन का इंतजार कर रही होती है तो कुछ ही देर बाद उनके पास एक फोन आता है और फोन करने वाला आदमी कहता है बुद्ध मुस्कुराए और इस बुद्ध मुस्कुराए शब्द के पीछे एक बहुत बड़ी कामयाबी का मतलब था जिसको शायद कुछ ही लोग जानते थे. क्योंकि जो फोन इंदिरा गांधी के पास आया था उसमें बुद्ध मुस्कुराए शब्द का मतलब था कि भारत ने पोखरण में परमाणु बम का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है.

पोखरण में परमाणु बम का सफल परीक्षण करने के बाद भारत दुनिया में पहला ऐसा देश बन गया था. जिसने यूनाइटेड नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल का सदस्य ना होते हुए भी भी परमाणु बम के परीक्षण करने की हिम्मत की और परमाणु बम का सफलतापूर्वक आविष्कार करने के बाद भारत भी उन देशों में शामिल हो गया. जिनके पास परमाणु शक्ति थी लेकिन दुनिया अभी भी इस बात को नहीं मानती थी कि भारत के पास परमाणु शक्ति है. क्योंकि उनका मानना था कि भारत में अभी परमाणु तकनीक हासिल करने की दिशा में सिर्फ एक ही कदम बढ़ाया है.



पोखरण परमाणु परीक्षण 2

जैसा की हमने आपको ऊपर बताया भारत ने पोखरण में परमाणु बम का सफलतापूर्वक आविष्कार कर लिया है इस बात को दुनिया मानने के लिए तैयार नहीं थी और दुनिया का मानना था.  कि भारत ने परमाणु शक्ति की ओर सिर्फ एक कदम बढ़ाया है लेकिन दुनिया में तहलका मच गया जब भारत ने 11 मई 1998 से लेकर 13 मई 1998 तक 5 परमाणु बम का सफल परीक्षण किया उसके बाद भारत परमाणु शक्ति से रहित दुनिया का छठा देश बन गया.

परमाणु बम बनाने के लिए भारत को 1962 में बहुत ज्यादा मजबूर होना पड़ा क्योंकि 1962 में भारत और चीन के बीच एक युद्ध हुआ जिसमें चीन ने भारत को बुरी तरह से हरा दिया इसलिए भारत को परमाणु बम बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा और भारत को हराने के बाद 2 साल बाद चीन और भी मजबूत हो गया जब क्योंकि युद्ध के 2 साल बाद चीन ने परमाणु बम का सफल परीक्षण कर लिया. तो इस स्थिति में भारत को आगे जाकर अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु बम का आविष्कार करना पड़ा और इसी दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की इजाजत से 1974 में पहली बार पोखरण में परमाणु बम का सफल परीक्षण किया गया और इस ऑपरेशन को स्माइलिंग बुद्धा नाम दिया गया था.

लेकिन भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न देश का दर्जा पाने के लिए आगे चलकर और भी कई प्रकार के परमाणु टेस्ट करने थे. लेकिन अमेरिका और इसके अलावा दूसरे कई देशों के कारण भारत यह टेस्ट नहीं कर पा रहा था. लेकिन 1995 में उस समय के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने परमाणु टेस्ट की बढ़ती हुई मांग को देखकर यह निर्णय लिया कि भारत को एक और परमाणु टेस्ट करना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य से अमेरिका की एक सैटेलाइट ने भारत की परमाणु बम बनाने वाली गतिविधियों का पता लगा लिया और फिर भारत को यह प्रोग्राम बीच में ही छोड़ना पड़ा और फिर चुनाव का समय आ गया था और चुनाव होने के बाद भारत के नए प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेई जी और वाजपेई जी भारत को पहले से ही परमाणु बम की टेस्टिंग करवाना चाहते थे.

क्योंकि वह चाहते थे की दुनिया को भारत की ताकत का पता परमाणु शक्ति से ही चल पाएगा और फिर 1998 में अटल बिहारी वाजपेई जी, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और राजगोपाल चिदंबरम के साथ मिलकर इस टेस्ट को गुप्त तरीके से चर्चा शुरू कर दी. इस टेस्ट का परीक्षण करने के लिए उन्होंने एक बार फिर से राजस्थान के पोखरण शहर को चुना लेकिन अब उनके सामने एक और परेशानी थी यह जगह पूरी तरह से खुली हुई थी और अमेरिका की सेटेलाइट ने भी इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए अपनी नजरें गड़ाए थी और भारत को अब की बार भी अगर सफल परीक्षण करना था. तो इस सेटेलाइट की आंखों में धूल झोंकने की जरूरत थी.

और इस मिशन की जानकारी कुछ ही लोगों के पास थी जैसे कुछ चुनिंदा नेता या सेना के अधिकारियों के पास इसके अलावा देश के कुछ बड़े-बड़े नेताओं के पास और इस मिशन के चीफ कोऑर्डिनेटर बने डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी के डायरेक्टर डॉ राजगोपाल चिदंबरम और इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद इस पर काम करने वाले सभी वैज्ञानिकों को सेना की वर्दी पहनाई गई ताकि अमेरिका के सैटेलाइट टेस्टिंग वाली जगह को देखें तो भी यह लगे कि सेना के जवान हैं जो कि अपनी प्रैक्टिस करते हैं. और बम्ब को आर्मी के ट्रक में रखकर टेस्टिंग वाली जगह पर ले जाया गया.



और इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन शक्ति दिया गया था क्योंकि इसमें 5 परमाणु बम का परीक्षण किया जाना था और फिर 11 मई 1998 से लेकर 13 मई 1998 तक यह पांचो टेस्ट बहुत ही गुप्त तरीके से सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिए गया. इस टेस्ट के बाद भारत परमाणु शक्ति से लैस दुनिया का छठा देश बन गया लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका कनाडा और जापान जैसे देशों में इसकी आलोचना हुई और कई सालों तक भारत में दिए जाने वाली वैश्विक सुविधाओं पर रोक लगा दी गई लेकिन ब्रिटेन फ्रांस और रूस भारत के विरोध में नहीं बोल पाए और देश को परमाणु शक्ति से सक्षम बनाने के लिए उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और को कभी नहीं भूला जा सकता है.

इस पोस्ट में आपको पोखरण परमाणु टेस्ट पोखरण १ पोखरण 2 पोखरण परमाणु विस्फोट भारत का पहला परमाणु परीक्षण पोखरण परमाणु परीक्षण 1995 भारत ने दूसरा परमाणु परीक्षण कब किया पोखरण 1 से संबंधित पूरी जानकारी हिंदी गई है. अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर बताएं.अगर यह जानकारी आपको पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.

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Tuesday, October 16, 2018

ऑपरेटिंग सिस्‍टम


ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Operating Systems) एक सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) है इसको कार्य करने के आधार पर उपयोग के आधार पर और विकास क्रम के आधार पर कई प्रकार से बांटा गया है आईये जानते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार - Types of Operating System

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार - Types of Operating System

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार - Types of Operating System 

उपयोगकर्ता के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार


उपयोगकर्ता के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Operating Systems) को दो भागों में बॉंटा गया है -
  1. सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Single User Operating System) - सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर पर एक बार में एक ही यूजर को कार्य करने की अनुमति देता है यानी यहां पर एक साथ एक से अधिक यूजर अकाउंट नहीं बनाए जा सकते हैं केवल एक ही व्यक्ति काम कर सकता है उदाहरण के लिए एमएस डॉस, विंडोज 95, 98 
  2. मल्‍टीयूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi User Operating System) - ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम जिसमें आप एक से अधिक यूजर अकाउंट बना सकते हैं और उन पर काम कर सकते हैं मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम कहलाते हैं इसमें प्रत्येक यूजर को कंप्यूटर से जुड़ा एक टर्मिनल दे दिया जाता है उदाहरण के लिए लाइनेक्स यूनिक, विंडोज के आधुनिक वर्शन

काम करने के मोड के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार


काम करने के मोड के आधार पर भी इसे दो भागों में विभाजित किया गया है - 
  1. कैरेक्टर यूजर इंटरफेस (Character User Interface) - कैरेक्टर यूजर इंटरफेस को कमांड लाइन इंटरफ़ेस के रूप में भी जाना जाता है इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम में टाइपिंग के द्वारा कार्य किया जाता है इसमें विशेष प्रकार की कमांड दी जाती है कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए और केवल टेक्स्ट का उपयोग किया जाता है इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम का एक अच्छा उदाहरण है एम एस डॉस
  2. ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस (Graphical user interface) ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस (Graphical user interface) जैसा कि इसके नाम में ही प्रदर्शित होता है यह ऑपरेटिंग सिस्टम ग्राफिक्स पर आधारित होता है यानी आप माउस और कीबोर्ड के माध्यम से कंप्यूटर को इनपुट दे सकते हैं और वहां पर जो आपको इंटरफ़ेस दिया जाता है वह ग्राफिकल होता है या यहां पर सभी प्रकार के बटन होते हैं मेन्‍यू होते हैं जो पूरी तरीके से यह बहुत आसान इंटरफ़ेस होता है

विकास क्रम के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार


कम्‍प्‍यूटर के विकास के और कंप्‍यूटर की पीढीयों के आधार पर उसमे चलाए जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्‍टम का विकास भी होता रहा है , इस प्रकार ऑपरेटिंग सिस्‍टम निम्‍न प्रकार के हैं - 

  1. बैच प्रोसेसिंग सिस्‍टम (Batch Processing System)
  2. टाइम शेयरिंंग या मल्‍टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Time Sharing Or Multi User Operating System)
  3. मल्‍टी टॉस्किंंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi Tasking Operating System)
  4. रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Real Time Operating System)
  5. मल्‍टी प्रोसेसर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi Processing Operating System)
  6. एम्‍बेडेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Embedded Operating System)
  7. डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Distributed Operating System)

  1. बैच प्रोसेसिंग सिस्‍टम (Batch Processing System) बेच प्रोसेसिंग सिस्‍टम कम्‍प्‍यूटर मे सबसे पहले उपयोग हुए ऑपरेटिंग सिस्‍टम मे से एक है । बेच ऑपरेटिंग सिस्‍टम के यूजर इसको स्‍वयं उपयोग करने के बजाए अपने जॉब (कार्य को ) पंच कार्ड या इसी प्रकार की अन्‍य डिवाइस मे ऑपरेटर को दे देते हैं तथा ऑपरेटर सभी जॉब का समूह बनाकर उसे चला देता है । सामान्‍यत: बेच ऑपरेटिंग सिस्‍टम एक बार मे एक प्रोग्राम चलाता है इनका उपयोग अब न के बराबर होता है परन्‍तु कुछ मेनफ्रेम कम्‍प्‍यूटर मे अभी भी इसका उपयोग हो रहा है । 
  2. टाइम शेयरिंग या मल्‍टी यूजर सिस्‍टम (Time Sharing Or Multi User Operating System) टाइम शेयरिंग या मल्‍टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम का प्रयोग नेटवर्क मे किया जाता है इसके माध्‍यम से विभिन्‍न यूजर एक ही समय मे एक ही प्रोग्राम का प्रयोग कर सकते हैं । इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्‍टम मे यूजर के अकांंउट बना दिए जाते हैं जिससे यूजर को साॅफ्टवेयर उपयोग करने हेतु कितनी परमीशन है , यह ज्ञात होता है । 
  3. मल्‍टी टॉस्किंंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi Tasking Operating System) - मल्‍टी टॉस्किंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम मे एक ही समय मे एक से अधिक टास्‍क (कार्य ) कराए जाते हैैं । वास्‍तविकता मे प्रोसेसर बहुत जल्‍दी जल्‍दी अलग अलग प्रोसेस को समय प्रदान करता है जिसे सीपीयू शेड्यूू‍लिंग कहते हैं । यह कार्य इतनी अधिक तेजी से होता है कि यूजर को सभी कार्य एक साथ होते हुए प्रतीत होते हैैं । इसका लाभ यह है कि सीपीयू के खाली समय का सर्वोत्‍तम उपयोग हो जाता है । 
  4. रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Real Time Operating System) - रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्‍टम डाटा प्रोसेसिंग सिस्‍टम के रूप मे भी जाने जाते हैं इनमे किसी इवेंट को क्रियान्वित करने के लिए एक पूर्व निर्धारित समय होता है जिसे रिस्‍पांस टाइम कहा जाता है। ये प्राथमिक रूप से प्रोसेस कंट्रोल एवं टेलीकम्‍यूू‍निकेशन मे अधिक प्रयोग किए जाते हैं इनका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यो, मेडीकल इमेजिंग सिस्‍टम, औद्योगिक नियंत्रण सिस्‍टम, रोबोट्स मे, हवाई यातायात नियंंत्रण (एयर ट्राफिक कंट्रोल) इत्‍यादि मे होता है। ये दो प्रकार के होते है 
    1. हार्ड रियल टाइम सिस्‍टम (Hard real time system) ये किसी संवेदनशील कार्यो को निश्चित समय मे पूरा करने की गारण्‍टी देते है, इनमे द्वितीयक मेमोरी नही होती है या बहुत कम मात्रा मे उपलब्‍ध होती है । 
    2. सॉफ्ट रियल टाइम सिस्‍टम (Soft Real Time System) ये हार्ड रियल टाइम सिस्‍टम की तुलना मे थोड़ा कम पाबंद होते हैैं पर ये संवेदनशील कार्यो को अन्‍य सभी कार्यो से अधिक वरीयता देते हैैं। मल्‍टीमीडिया , वर्चुअल रियेलिटी आदि कार्यो मे इनका अधिक उपयोग होता है । 
  5. मल्‍टी प्रोसेसर ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Multi Processing Operating System) इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्‍टम उन जगहो पर उपयोग किए जाते हैं जहॉं पर एक से अधिक प्रोसेसर सिस्‍टम मे लगे हुए होते हैैं । एक से अधिक प्रोसेसर इस्‍तेमाल करने की तकनीक को पेरे‍लल प्रो‍सेसिंग कहा जाता है । 
  6. एम्‍बेडेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Embedded Operating System) - एम्‍बेडेड सिस्‍टम ऐसे आॅपरेटिंग सिस्‍टम हैं जो कि किसी इलेक्‍ट्राि‍निक्‍स या अन्‍य प्रकार की हार्डवेयर डिवाइस मे ही उपस्थित रहते हैं ये रोम मे ही उपस्थित रहते हैं इनका उपयोग घरेलू उपयोग वाले उपकरण जैसे माइक्रोवेव ओवन, वाशिंग मशीन, कार मेनेजमेंट सिस्‍टम, ट्राफिक कंट्रोल सिस्‍टम इत्‍यादि मे किया जाता है ।
  7. डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम ( Distributed Operating System) ये कई सारे प्रोसेसरों का उपयोग कर विभिन्‍न एप्‍लीकेशनो को चलाते हैैं तथा इन एप्‍लीकेशनो या सॉफ्टवेयरों का उपयोग भी कई सारे यूजर करते हैं इन्‍हे लूजली कपल्‍ड आॅपरेटिंग सिस्‍टम भी कहा जाता है । इसका लाभ यह है कि यूजर को बहुत सारे रिसोर्स उपयोग करने हेतु मिल जाते हैं एवं अगर एक सिस्‍टम बिगड़ जाता है तो अन्‍य सिस्‍टम का उपयोग किया जा सकता है      
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Saturday, September 29, 2018

FATHER OF MOUSE

डग कार्ल एंजेलबर्ट लकडी से बने माउस के साथ

Douglas Carl Eengelbart Biography in Hindi

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  • जरा सोच कर देखिये कि अचानक आपके कम्‍प्‍यूटर का माउस खराब जाये तो आप कितने परेशान हो जायेगें, तुरंत बाजार जायेगें, और कम्‍प्‍यूटर की दुकान से अपनी पसंद का माउस खरीद लायगें, क्‍योंकि आज के समय में बिना माउस के कम्‍प्‍यूटर की कल्‍पना ही नहीं की जा सकती है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि कम्‍प्‍यूटर के संचालन को बेहद सरल बनाने वाले इस यंञ की परिकल्‍पना आज से 54 वर्ष पहले डग एंजेलबर्ट ने की थी।
  • माउस का अविष्‍कार 1960 में डग के द्वारा किया गया था और आपको जानकार आश्‍चर्य होगा कि पहला माउस लकडी का बना हुआ था, जिसमें धातु के दो पहिये लगे हुए थे। यह उस समय की बात है जब कम्‍प्‍यूटर की प्रथम पीढी चल रही थी और कम्‍प्‍यूटर का आकार किसी कमरे के बराबर होता था।
  • डग का जन्‍म सन 1925 में पोर्टलैंड में हुआ था और इनके पिता एक रेडियो मैकेनिक थे। ओरेगन यूनिवर्सटी से इंजियरिंग की पढाई करने के बाद नासा की एक संस्‍था नाका में भी काम किया, इसके बाद यह कैलीफोर्निया चले गये, इसके बाद उन्‍हाने ऑग्‍मेंटेशन शोध केन्‍द्र के नाम से अपनी प्रयोगशाला बनाई, और इसी प्रयोगशाला में एआरपीएनेट के विकास में सहयोग किया, जो आगे चलकर इंटनरेट बना।
  • 02 जुलाई 2013 को 88 वर्ष की अवस्‍था में माउस के जादूगर ने इस दुनिया से विदा ले ली। लेकिन अपने इस महत्‍वपूर्ण अविष्‍कार के साथ वह आज ही हम लोगों के साथ हैं, आज पूरी दुनिया में कम से कम १ अरब से ज्‍यादा माउस बेचे जा चुके हैं।
  • शायद टच स्‍क्रीन आने वाले भविष्‍य में माउस की जगह आ जाये, लेकिन फिर भी लगभग 50 साल से माउस अब भी कम्‍प्‍यूटर का अभिन्‍न अंग है, और आगे भी रहेगा ...........................