Monday, January 21, 2019

HTML टैग त्वरित सन्दर्भ

HTML टैग त्वरित सन्दर्भ

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HTML टैग त्वरित सन्दर्भ 
HTML टैगटैग का नामसंक्षिप्त जानकारीबंद होने वाले टैग  हैंएट्रीब्यूट
<!--HTML comment text->Commentएचटीएमएल  कोड  के  सेक्शन  को  पहचानने  मेंनहींN/A
<a>Anchorहाइपरटेक्स्ट लिंक को बनाने मेंहाँtarget, href, name
<address>Addressटेक्स्ट को इटैलिक में दिखाने के लिएहाँstyle, id, class, lang, dir, title
<applet>Appletजावा एप्लेट रन करनेहाँalt, code, align, width, height, codebase, hspace, vspace
<area>Area  इमेजमैप में क्लिक करने योग्य एरिया बनाने में  जो हॉटस्पॉट के रूप में भी जाना जाता हैनहींcoords, href, no, href, shape
<b>Boldटेक्स्ट को बोल्ड करने मेंहाँstyle, id, class, lang, dir, title
<blockquote>Block quote  टेक्स्ट को दाएं और बाएं मार्जिन से Indents  करने मेंहाँcite, style, id, class, lang, dir, title
<body>BodyHTML डॉक्यूमेंट के बॉडी को डिफाइन करनाहाँbackGround, bgColor, aLink, vLink, text
<br>Line breakवर्तमान लाइन को खत्म करने मेंनहींclear, style, id, class, lang, dir, title
<caption>Captionhtml टेबल के लिए कैप्शन बनानेहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<center>Centerटेक्स्ट को सेंटर में करने के लिएहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<cite>CitationCitation के रूप में प्रयुक्त स्रोत का संकेत देने के लिए उपयोग किया जाता हैहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<code>CodeFixed width font  मैं टेक्स्ट को प्रदर्शित करने मेंहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<div>Logical divisionलॉजिकल सेक्शन में HTML डॉक्यूमेंट को डिवाइड करने मेंहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<dl>Definition listएक परिभाषित सूची बनाने मेंहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<dt>Definition termएक परिभाषित सूची शब्द बनाने मेंहाँstyle, id, class, lang, dir, title
<embed>Embedवेब पेज में बैकग्राउंड में मीडिया फाइल को इंसर्ट करने मेंनहींsrc, autostart, loop, volume, width, height
<font>Fontफंड का साइज कलर और फेस सेट करने मेंहाँsize, color, face
<form>Formयूजर का डाटा लेने के लिए फार्म बनाने कीहाँaction, method, target, style, id, class, lang, dir, title
<frame>Frameफ्रेम को डिफाइन करने मेंनहींsrc, name, marginwidth, marginheight, scrolling, नहींresize
<frameset>Framesetफ्रेम सेट को डिफाइन करने मेंहाँrows, cols, border
<h1>Heading level 1प्रथम स्तर का शीर्षक बनाने मेंहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<h2>Heading level 22 स्तर का शीर्षक बनाने मेंहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<h3>Heading level 33 स्तर का शीर्षक बनाने मेंहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<h4>Heading level 44 स्तर का शीर्षक बनाने मेंहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<h5>Heading level 55 स्तर का शीर्षक बनाने मेंहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<h6>Heading level 66 स्तर का शीर्षक बनाने मेंहाँalign, style, id, class, lang, dir, title
<head>Head or headerHTML डॉक्यूमेंट का हेड सेक्शन बनाने मेंहाँlang, dir
<hr>Horizontal ruleवेब पेज में हॉरिजॉन्टल लाइन बनाने मेंनहींsize, width, align, noshade, align, style, id, class, lang, dir, title
<html>HTMLइसमें HTML डॉक्यूमेंट के हेड और बॉडी सेक्शन शामिल होते हैं)हाँlang, dir
<i>Italicइटैलिक टेस्ट बनाने मेंहाँstyle, id, class, lang, dir, title
<img>Inline imageINLINE इमेज को एक्टिवेट डॉक्यूमेंट मेंनहींsrc, height, width, alt, title, border, align, hspace, vspace
<input>Form inputफार्म फील्ड बनाने मेंनहींtype, value, name, size, maxlength, checked, align, accept, readonly, style, id, class, lang, dir, title
<lh>List headingलिस्ट हैडिंग बनाने कीहाँtype, value, style, id, class, lang, dir, title
<li>List itemलिस्ट आइटम बनाने काहाँtype, value, style, id, class, lang, dir, title
<link>Linkडॉक्यूमेंट फाइल स्टाइलिश सीट का हाइपरलिंक बनाने मेंनहींrel, rev, href, target, type, media, charset, style, id, class, lang, dir, title
<map>Mapक्लाइंट-साइड इमेजमैप के साथ उपयोग किया जाता हैहाँname, style, id, class, lang, dir, title
<meta>Metaएक HTML डॉक्यूमेंट मैं जानकारी का वर्णन करने मेंनहींname, content, http-equiv, scheme, lang, dir
<ol>Ordered listCreates an ordered listहाँtype, style, id, class, lang, dir, title
<option>OptionDefines an option item for a selction listहाँvalue, selected, style, id, class, lang, dir, title
<p>ParagraphCreates a paragraphहाँwidth, style, id, class, lang, dir, title
<pre>Preformatted textPreformatted  टेक्स्टका  सेक्शन  बनाने  में हाँwidth, style, id, class, lang, dir, title
<script>Scripthtml डॉक्यूमेंट में प्रयोग की गई स्क्रिप्टिंग भाषा को Specifiesहाँlanguage
<select>Form selecthtml मेनू में सिलेक्शन फॉर्म बनाने मेंहाँname, size, disabled, multiple, style, id, class, lang, dir, title
<strike>Strike-throughटेक्स्ट के बीच से लाइन खीचने में हाँstyle, id, class, lang, dir, title
<sub>Subscriptसबस्क्रिप्ट टेक्स्ट बनाने मेंहाँstyle, id, class, lang, dir, title
<sup>Superscriptसुपरस्क्रिप्ट टेक्स्ट बनाने मेंहाँstyle, id, class, lang, dir, title
<table>Tablehtml डॉक्यूमेंट में टेबल बनाने मेंहाँalign, width, cellpadding, cellspacing, border, bgcolor, style, id, class, lang, dir, title
<td>Table dataटेबल में कालम या सेल बनाने मेंहाँbgcolor, rowspan, colspan, नहींwrap, valign, width, height, style, id, class, lang, dir, title
<textarea>Form text areaफॉर्म में टेक्सटएरिया बनाने मेंहाँname, rows, cols, disabled, readonly, style, id, class, lang, dir, title
<th>Table headingटेबल का सेल और हेडिंग बनाने में जो सेण्टर में व बोल्ड दिखता हैहाँbgcolor, rowspan, style, id, class, lang, dir, title
<title>Titlehtml डॉक्यूमेंट का टाइटल बनाने मेंहाँlang, dir
<tr>Table rowटेबल रो बनाने मेंहाँbgcolor, align, valign, style, id, class, lang, dir, title
<u>Underlinedटेक्स्ट को अंडरलाइन करने मेंहाँstyle, id, class, lang, dir, title
<ul>unordered list Unordered  लिस्ट बनाने मेंहाँstyle, id, class, lang, dir, title

Saturday, January 12, 2019

Thursday, January 10, 2019

HTML Tags

HTML Tags

MY GUIDE Creation by Nikhil singh

HTML Tags

  • Introduction to HTML tags in Hindi
  • Syntax of HTML tags in Hindi 
  • Types of HTML tags in Hindi

Introduction to HTML Tags

एक HTML file tags और text का combination होती है। HTML tags को HTML elements भी कहा जाता है। यदि आपको tags का concept समझ आ जाये तो आप HTML आसानी से समझ सकते है। क्योंकि HTML पूरी तरह tags के द्वारा ही कार्य करती है।

शुरआत में जब HTML को design किया गया तो इसे सिर्फ webpages में text को display करने के लिए use किया जाता था। उस समय HTML बहुत limited थी और इसमें कुछ ही tags थे। HTML tags द्वारा text को webpages में display करने की process को text को mark करना कहा जाता था। यही वजह थी की HTML को text markup language कहा गया।

उस समय HTML सिर्फ computer scientists द्वारा use की जाती थी जो अपने papers को HTML द्वारा world wide web पर publish करते थे ताकि दूसरे scientist उन्हें पढ़ सके। लेकिन HTML इतनी simple और effective थी की यह बहुत जल्दी popular हो गयी और बहुत से लोग इसे use करने लगे।

धीरे धीरे जैसे ही HTML popular हुई तो webpages में अलग अलग elements show करने की requirement बढ़ती गयी। अब HTML सिर्फ एक text markup language नहीं रही है। अब आप HTML के द्वारा webpages में कई प्रकार के elements जैसे की lists, tables images, audio, video, graphics आदि insert कर सकते है।

किसी भी webpage में elements (lists, tables, images, video आदि) HTML tags द्वारा ही insert किये जाते है। आप webpage में जो भी add करना चाहे वह tags द्वारा ही add किया जाएगा। इसके लिए HTML आपको बहुत से tags provide करती है। ये सभी tags interpreter से familiar होते है।

Interpreter एक program होता है जो सभी web browsers में होता है। यह program HTML tags को identify करता है और उनके मतलब को समझकर web page में उसी के अनुरूप text, images, list और tables आदि show करता है।

Basically tags से आप interpreter को ये बताते है की आप webpage में क्या display करना चाहते है। उदाहरण के लिए यदि आप webpage में image add करना चाहते है तो इसके लिए आप <img> tag अपनी HTML file में define करेंगे।

ज्यादातर HTML tags का purpose आप उनके नाम द्वारा ही समझ सकते है। उदाहरण के लिए <table> tag को webpage में table insert करने के लिए use किया जाता है। जैसे जैसे आप इन्हें use करना शुरू करते है तो आपको आसानी से याद रहता है की कोई particular tag किस लिए use किया जाता है।

Syntax of HTML Tags

आम तौर पर HTML tag के 3 part होते है। Opening tag शुरुआत में लगाया जाता है। इससे interpreter को ये पता चल जाता है की आप क्या करने वाले है। Opening tag के बाद वो text लिखा जाता है जिस पर ये tag apply हो रहा है। इसके बाद closing tag लिखा जाता है।

Closing tag से interpreter को पता चलता है की इस tag का उपयोग यँही तक था। Closing tag को opening tag से differentiate करने के लिए closing tag में forward slash लगाया जाता है।

HTML tags का general syntax निचे दिया जा रहा है। 

<tagName> text </tagName>  

सभी HTML tags ही closing tag द्वारा नहीं close किये जाते है। HTML में ऐसे tags भी है जिन्हें सिर्फ opening tag द्वारा ही define किया जाता है। ऐसे tags को empty tags कहा जाता है। इनका syntax निचे दिया जा रहा है।

<tagName>  

HTML में कुछ ऐसे tags भी है जिनके opening और closing दोनों parts एक ही part द्वारा define किये जाते है। इनमें पहले tag का नाम लिखा जाता है उसके बाद forward slash लगाया जाता है। इनका syntax निचे दिया जा रहा है।
<tagName />  

Types of HTML Tags

HTML में बहुत प्रकार के tags available है। कुछ tags text को format करने के लिए use किये जाते है तो कुछ multimedia elements जैसे की images, audio, video आदि insert करने के लिए use किये जाते है।

HTML के कुछ tags structures जैसे की tables, sections और lists आदि create करने के लिए use किये जाते है तो कुछ tags container की तरह भी काम करते है जिनके अंदर दूसरे tags को define किया जाता है जो उसके sub tags होते है।

HTML के सभी प्रकार के tags को कुछ मुख्य categories में divide करके निचे बताया जा रहा है। 

Basic Tags

Basic tags वे tags होते है जो सभी HTML documents में अनिवार्य रुप से use किये जाते है। ये tags किसी HTML document के core structure को define करते है। HTML के basic tags की list निचे दी जा रही है।
  • <html> - यह tag एक HTML file को define करता है। हर HTML file की शुरुआत इसी tag से की जाती है। 
  • <head> - इस tag में webpage से related scripts और styles define की जाती है। 
  • <title> - इस tag से web page का title define किया जाता है। 
  • <body> - इस tag में webpage का मुख्य content define किया जाता है। 

Formatting Tags

Formatting tags वे tags होते है जो text को format करने के लिए use किये जाते है। ये tags text पर ही apply होते है और text की presentation को control करते है। HTML के formatting tags की list निचे दी जा रही है।
  • <i> - इस tag द्वारा text को italic बनाया जाता है। 
  • <b> - इस tag द्वारा text को bold किया जाता है। 
  • <u> - इस tag से text को underline किया जाता है। 
  • <ins> - इस tag द्वारा ऐसे text को define किया जाता है जो content में बाद में add किया गया है। 
  • <mark> - इस tag द्वारा text को highlight किया जाता है। 
  • <sup> - इस tag से text को superscript के रूप में define किया जाता है। 
  • <sub> - इस tag से text को subscript के रूप में define किया जाता है। 
  • <small> - इस tag से small text के रूप में define किया जाता है। 
  • <del> - इस tag से text को deleted show किया जाता है। 
  • <strong> - इस tag से text को strong (bold) show किया जाता है। 

Form and Input Tags

form और input tags web page में forms create करने और user से input प्राप्त करने के लिए use किये जाते है। इनकी list निचे दी जा रही है। 
  • <form> - यह form elements create करने के लिए एक container tag होता है। 
  • <input> - इस tag द्वारा different form elements create किये जाते है। 
  • <textarea> - इस tag द्वारा textarea create किया जाता है। 
  • <button>  - इस tag द्वारा buttons create किये जाते है। 
  • <select> - यह dropdown list create करने के लिए container tag होता है। 
  • <optgroup> - इस tag द्वारा dropdown menu में related options का group create किया जाता है। 
  • <option> - इस tag द्वारा dropdown list के options define किये जाते है। 
  • <label> - यह tag एक text label define करने के लिए use किया जाता है। 
  • <fieldset> - इस tag के द्वारा किसी form में related elements का create किया जाता है। 

Frame Tags

Frame tags एक web page को frames के रूप में divide करने के लिए use किये जाते है। इन tags की list निचे दी जा रही है।
  • <frame> - यह tag frame elements के लिए container का कार्य करता है। 
  • <frameset> - इस tag द्वारा frames define किये जाते है। 
  • <noframes> - इस tag द्वारा उन browsers के लिए content define किया जाता है। जो forms को support नहीं करते है। 
  • <iframe> - इस tag द्वारा inline frames define किये जाते है। 

Image Tags

Image tags web page में images को include और render करने के लिए use किये जाते है। इनकी list निचे दी जा रही है। 
  • <img> - इस tag द्वारा webpage में image include की जाती है। 
  • <map> - इस tag द्वारा एक image map include किया जाता है। 
  • <area> - इस tag द्वारा map में किसी particular location को show किया जाता है। 

Link Tags

Link tags web page में links create करने के लिए use किये जाते है। Links एक page से दूसरे page तक travel करने के लिए use की जाती है। इनकी list निचे दी जा रही है। 
  • <a> - इस tag द्वारा webpage में link define की जाती है। 
  • <link> - इस tag द्वारा HTML file को CSS file से जोड़ा जाता है। 

List Tags

List tags webpage में lists create करने के लिए use किये जाते है। इनकी list निचे दी जा रही है। 
  • <ul> - यह tag unordered list के लिए container create करता है। 
  • <ol> - यह tag ordered list के लिए container create करता है। 
  • <li> - इस tag द्वारा list item define किये जाते है। 
  • <dl> - ये tag definition list के लिए container create करता है। 
  • <dt> -  इस tag द्वारा definition list की term define की जाती है। 
  • <dd> - इस tag द्वारा definition list की definition define की जाती है। 

Table Tags

Table tags webpages में tables create करने के लिए use किये जाते है। इनकी list निचे दी जा रही है। 
  • <table> - यह tag table create करने के लिए use किया जाता है। 
  • <th> - इस tag द्वारा table की heading define की जाती है। 
  • <tr> - इस tag द्वारा table की rows define की जाती है। 
  • <td> - इस tag द्वारा table के columns define किये जाते है।   
  • <thead> - यह tag table के header content का group create करता है। 
  • <tbody> - यह tag table के body content का group create करता है। 
  • <caption> - इस tag द्वारा table का शीर्षक define किया जाता है। 

Style Tags

Styles tags विभिन्न प्रकार की styles apply करने के लिए use किये जाते है। इनकी list निचे दी जा रही है। 
  • <style> - इस tag के अंदर HTML document के लिए styles (CSS) define की जाती है। 

Section Tags

Section tags किसी container की तरह काम करते है। इनकी list निचे दी जा रही है। 
  • <div> - यह tag एक block section create करता है। 
  • <span> - यह tag एक inline section create करता है। 
  • <section> - इस tag द्वारा document को कई sections में divide किया जाता है। 

Scripting Tags

Scripting tags web page में scripts apply करने के लिए use किये जाते है। इनकी list निचे दी जा रही है। 
  • <script> - इस tag के अंदर आप HTML के साथ use की जाने वाली script को define करते है। 
  • <noscript> - इस tag के अंदर ऐसे browsers के लिए content define करते है जिनमें script को disable कर दिया गया है। 
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HTML Introduction

HTML Introduction

    Nikhil singh

      HTML Introduction

      • Introduction to HTML in Hindi 
      • History & definition of HTML in Hindi 
      • Versions of HTML in Hindi

      Introduction to Hypertext Markup Language (HTML)

      HTML information को सुन्दर और आकर्षक तरीके से World Wide Web में present करने का एक माध्यम है। HTML Tim Berners lee के द्वारा 1991 में create की गयी थी। HTML World Wide Web Consortium (W3C) द्वारा एक standard के रूप में manage की जाती है।

      W3C एक international community है जो web standards create और manage करने का कार्य करती है। जब एक technology या language standard के रूप में चुन ली जाती है तो सभी platforms, developers और organisations बिना किसी शर्त के उसे follow करते है।

      इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है की आप कौनसा operating system या editor use कर रहे है web pages create करने के लिए हमेशा HTML का ही प्रयोग किया जाता है।

      HTML में create किये गए web pages को सभी platforms पर देखा जा सकता है। इसके लिए आपको किसी प्रकार के special platform या software की आवश्यकता नहीं होती है। HTML platform independent है।

      आइये अब सबसे पहले HTML का मतलब समझने का प्रयास करते है। HTML की full form Hyper Text Markup Language होती है। इनमें से हर word का एक विशेष अर्थ है जिसे नीचे detail से समझाया जा रहा है।

      Hyper

      Hyper का मतलब होता है की HTML sequence में नहीं काम करती है। जैसा की किसी programming language में होता है, एक statement के बाद अगला statement execute होता है। यदि किसी HTML file में link है और user उस पर click करता है तो वो open हो जाती है।

      इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है की उससे पहले कितने elements है और वो सभी load हुए है या नहीं। एक HTML file के सभी elements एक दूसरे से independent होते है।

      ये भी जरुरी नहीं की किसी एक HTML file से पहले कोई दूसरी HTML file execute नहीं हो सकती है। HTML elements की ही तरह सभी HTML files भी एक दूसरे से independent होती है।

      Text

      किसी web page में text सबसे महत्वपूर्ण होता है। Text ही वह information होती है जिसे present करने के लिए web page design किया जाता है। HTML text को format करके webpages में present करने के लिए यूज़ की जाती है।

      Markup

      Markup का मतलब text के layout और style को format करना होता है। आप text को tags के द्वारा mark करते है। जिस प्रकार के tags द्वारा text को mark किया जाता है वैसे ही text web page में show होता है।

      उदाहरण के लिए यदि आप किसी text को <h1> tag के द्वारा mark करते है तो webpage में वह text बड़ी और bold heading के रूप में दिखाई देगा।

      Language

      HTML एक language है जो web development के लिए यूज़ की जाती है।  

      So what is HTML? (A simple definition in plain Hindi)

      HTML एक Hyper Text Markup Language है जो web pages create करने के लिए use की जाती है। HTML के विभिन्न tags को use करते हुए आप webpages create करते है और उनमें विभिन्न elements जैसे की images, audio, video, tables, lists, links और text आदि add करते है।

      Web designing के क्षेत्र में सीखी और सिखायी जाने वाली HTML सबसे पहली language होती है। HTML के साथ CSS का भी प्रयोग किया जाता है जो webpage को और भी बेहतर design करने के लिए use की जाती है। HTML के साथ JavaScript के प्रयोग से webpages में logic add किया जाता है और उन्हें dynamic बनाया जाता है।

      HTML Versions 

      अब तक HTML के बहुत से version industry में आ चुके है। HTML के हर version में कुछ नए elements add किये जाते है। HTML के सभी versions के बारे में निचे detail से बताया जा रहा है।

      HTML 1.0 

      ये HTML का पहला version था। उस समय बहुत कम लोग इस language के बारे में जानते थे और HTML भी बहुत limited थी। उस समय HTML के द्वारा simple text के साथ web pages create करने के अलावा ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता था। 

      HTML 2.0 

      इस version में HTML 1.0 के सभी features थे। इस version के साथ ही HTML website develop करने का बुनियादी माध्यम बन चुकी थी।

      HTML 3.0

      इस version के आने तक HTML बहुत popular हो चुकी थी। इस version में browsers के साथ compatibility problem होने की वजह से इस version को रोक दिया गया था। लेकिन बाद में नए और advanced tags के साथ इसे introduce किया गया था।

      HTML 3.2 

      इस version में पिछले version के बाद कुछ नए tags add किये गए। ये वो time था जब W3C ने website development के लिए HTML को standard घोषित किया था। HTML का प्रयोग अब limited नहीं रहा था और इसे व्यापक स्तर पर use किया जा रहा था। 

      HTML 4.01

      इस version में कुछ नए tags के साथ ही cascading style sheet को भी introduce किया गया था। इस समय HTML पूरी तरह modern language बन चुकी थी|

      HTML 5.0

      ये HTML का latest version है। इसमें multimedia support के लिए कुछ नए tags provide किये गए है।  

      XHTML

      ये version HTML 4.01 के बाद आया था। इसमें HTML के साथ XML को add किया गया था।    

      thanks and follow my Guide.

Sunday, January 6, 2019

बनायें अपने नाम की रिंगटोन और डाउनलोड करें (Create your name ringtones and Download)


BY- MY GUIDE                                                                                Nikhil singh

बनायें अपने नाम की रिंगटोन और डाउनलोड करें

 - Create your name ringtones and Download

बहुत लोग अपने नाम की रिंगटोन (Naam Ki Ringtone)
बनाना चाहते हैं, माय बिग गाइड पर काफी लोग पूछते हैं कि
 अपने नाम की रिंगटोन (Name Ringtone) कैसे बनाते हैं ?
 तो आपको बता दें कि अपने नाम की रिंगटोन (Naam Ki
 Ringtone) बनाना बहुत आसान है, आईये जानते हैं कैसे
 अपने नाम की रिंगटोन (Name Ringtone) बनायी जाती है
 और डाउनलोड की जाती है -

बनायें अपने नाम की रिंगटोन -

अपने नाम की रिंगटोन (Name Ringtone) आप केवल बस 10
सेकंड में बना सकते हैं,
इसके लिये आपको बस ये करना होगा -
  • गूगल पर या अपने ब्राउजर मे एड्रेस बार में 
  • www.fdmr.me (या यहाँ पर क्लिक करे) टाइप कीजिये
  • नाम की रिंगटोन डाउनलोड करने के लिए बस यहां दिए 
        गए सर्च बॉक्स में अपना पहला नाम 
        डालना है और search पर क्लिक करना है। 
  • इससे वेबसाइट पर मौजूद आपके नाम की सारी रिंगटोन आ जाएँगी । 
  • उदााहरण के लिये आपने "NIKHIL SINGH" सर्च किया तो आपको कुछ इस 
        तरह की रिंगटोन प्राप्‍त होगी 
    • mister NIKHIL SINGH abhi please pick up the phone
    • Mister NIKHIL SINGH pick up the phone name ringtone
    • NIKHIL SINGH please pick up the phone someone is calling you 
    • NIKHIL SINGH pick up the phone
  •  बस अब किसी भी रिंगटोन के नाम पर क्लिक कीजिये
  • फिर Download बटन पर क्लिक कीजिये, रिंगटोन डाउनलोड हो जाएगी ।
Tag - how to make name ringtone, Apne Naam Ki
 Ringtone kaise Banaye, make your ringtone, 
 Apna Naam Ringtone Bane, naam ringtone fdmr,
 naam ringtone software, name ringtone
mp3 download, tere naam ringtone mp3 download,
 name ringtone download online, aapka phone baj raha hai ringtone download, 

जाते जाते दोस्तों मेरे साइट को फॉलो करे जिससे सबसे पहले अपडेट आपके पास हो 
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Tuesday, December 25, 2018

O level Course Details in hindi

O level Course Details in hindi

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स क्या है ? जाने पूरी जानकारी विस्तृत में

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Electronics & Information Technology – NIELIT) पूर्व में प्रचलित नाम DOEACC Society (Department of Electronics Accreditation of Computer Courses) द्वारा ओ लेवल सर्टिफिकेट कोर्स कराया जाता है जिसकी मान्यता किसी विश्वविद्यालय द्वारा कराये गए CS डिप्लोमा के बराबर होती है। ओ लेवल कोर्स का पाठ्यक्रम 01 वर्ष का होता है जिसकी पढ़ाई प्रक्रिया सेमेस्टर सिस्टम के अनुरूप ही होती है। इस पाठ्यक्रम में सूचना प्राद्योगिकी के फाउंडेशन सिलेबस की जानकारी दी जाती है। हम अपने इस लेख में बताएँगे कि क्या होता है ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स डिटेल्स के बारे में कि ओ लेवल सर्टिफिकेट, ओ लेवल कोर्स सिलेबस तथा ओ लेवल कोर्स फीस क्या है।

ओ लेवल क्या होता है ?

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स NIELIT द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक डिप्लोमा कोर्स है। यह ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स में एडमिशन वर्ष में दो बार लिया जाता है, जिसका आयोजन जुलाई तथा जनवरी में किया जाता है। कोई भी शिक्षार्थी जो 10+2 की योग्यता रखता है या फिर I.T.I. (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट) का सर्टिफिकेट रखता हो इस कोर्स में प्रवेश ले सकता है। इस कोर्स को करने के बाद अभ्यर्थी A लेवल कोर्स करने के लिए पत्र हो जाता है। A लेवल कोर्स कंप्यूटर अनुप्रयोगों में एडवांस डिप्लोमा के बराबर समझा जाता है।

ओ लेवल कोर्स एडमिशन प्रक्रिया

10+2 या फिर आई० टी० आई० उत्तीर्ण अभ्यर्थी ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स में एडमिशन के पात्र होतें हैं। O लेवल कोर्स में आवेदन करने के लिए 2 प्रक्रियाएं हैं, आप या तो किसी संस्थान जो राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के अंतर्गत रजिस्टर्ड हो, में जाकर एडमिशन ले सकते हैं या फिर NIELIT की वेबसाइट पर जाकर सीधे आवेदन कर सकते हैं। ओ लेवल कोर्स करने के लिए अगर आप किसी इंस्टिट्यूट में एडमिशन लेते है तो रजिस्ट्रेशन, फीस पेमेंट आदि कार्य संस्थान करवाता है, जिसके लिए वो शुल्क भी लेते हैं। संस्थान से ओ लेवल कोर्स करने पर आपको क्लासेज एवं पाठ्यक्रम के सभी पहलुओं का ध्यान इंस्टिट्यूट ही रखता है।
आवेदन पत्र : NIELIT द्वारा संचालित O लेवल कोर्स तथा अन्य कोर्सेज के आवेदन पत्र यहाँ से प्राप्त करें।
आधिकारिक वेबसाइट : nielit.gov.in
ओ लेवल कोर्स फीस
अगर आप ओ लेवल कोर्स में डायरेक्ट अप्लाई करने जा रहें हैं तो अपने आप से पहले सवाल क्र ले की क्या आप ओ लेवल के पाठ्यक्रम को बिना किसी अध्यापक के मदद के समझ लेंगे। अगर आप ऐसा करने में सक्षम है तो आप ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स घर बैठकर बहुत कम फीस में, जो कि दोनों सेमेस्टरों को लगाकर लगभग 3 से 4 हजार रुपये पड़ेगी, कर सकते हैं।

ओ लेवल कोर्स सिलेबस

O लेवल कंप्यूटर कोर्स सिलेबस दो भागों में विभाजित है जो की विषयगत तथा प्रैक्टिकल है। ओ लेवल कोर्स के लिए आपको दो सेमेस्टर में थ्योरी विषय एवं प्रैक्टिकल से गुजरना पड़ता है।ओ लेवल कोर्स के अंतर्गत आपको प्रोजेक्ट वर्क भी करना होता है।  प्रोजेक्ट वर्क के समापन से पूर्व आपको ओ लेवल सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता है।  ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स से सम्बंधित प्रत्येक सेमेस्टर का विषयवार पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है।
पेपर कोडपेपर नाम
प्रथम सेमेस्टर
M1-R4IT Tools and Business Systems
M2-R4Internet Technology and Web Design
द्वितीय सेमेस्टर
M3-R4Programming and Problem Solving through ‘C’ language
M4.1-R4Application of .NET Technology
M4.2-R4Introduction to Multimedia
(One Paper has to be chosen from A10.1R4 & A10.2R4)
प्रैक्टिकल पेपर एंड प्रोजेक्ट
PR-1Practical based on the theory papers of the syllabus
PJProject Work
ओ लेवल कोर्स परीक्षा प्रणाली
O लेवल कोर्स की परीक्षा का आयोजन वर्ष में दो बार कराया जाता है। आप जिस भी परीक्षा सत्र के लिए आवेदन करते हैं उस सत्र के जनवरी या फिर जुलाई के महीने में आपकी द्वितीय शनिवार से परीक्षा शुरू हो जाती है। प्रथम पेपर के बाद आपके बचे हुए तीनो पेपर लगातार अगले दिनों में हो जायँगे, आप एक दिन में दो पेपर देने के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। आपको पेपर देने के लिए अप्लाई करते समय प्रत्येक पेपर के लिए परीक्षा फीस भी देनी होती है जिसे आप नाइलेट (NIELIT) की  वेबसाइट में देख सकते हैं। परीक्षा पास करने के बाद ही आप प्रैक्टिकल परीक्षा तथा साक्षात्कार (viva) के लिए आवेदन कर सकते हैं। परीक्षार्थी परीक्षा में वैकल्पिक प्रश्नो का उत्तर देता है जिसका प्रश्नपत्र 2 भागों में विभाजित होता है प्रथम भाग में 40 तथा द्वितीय भाग में 60 प्रश्न  होते हैं। परीक्षा प्रणाली के लिए  पाठ्यक्रम के लिए दिए गए विवरणपत्र के examination pattern शीर्षक को देख सकते हैं।

ओ लेवल प्रवेश पत्र

O लेवल कोर्स की परीक्षा का आयोजन संस्थान स्तर में कराया जाता है जिसका जिसके लिए परीक्षार्थी परीक्षा के लिए अप्लाई करते समय अपने सहूलियत के अनुसार चुन सकता है। परीक्षा शुल्क जमा करने के पश्चात् कुछ ही समय बाद नीलिट (NIELIT) की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रवेश पत्र उपलब्ध हो जाते हैं। परीक्षा में शामिल होने के लिए परीक्षार्थी को प्रवेश पत्र एवं फोटोयुक्त पहचान पत्र ले जाना अनिवार्य होता है।

ओ लेवल कोर्स रिजल्ट

परीक्षा के आयोजन के 2 महीने बाद ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स का परिणाम नीलिट (NIELIT) की वेबसाइट पर दे दिया जाता है जंहा से अभ्यर्थी उसे देख एवं डाउनलोड कर सकते हैं। अभ्यर्थी जिन्होंने आवेदन किसी संस्थान के माध्यम से किया था अपना परिणाम संसथान से भी मांग सकते हैं।  परिणाम की गणना अभ्यर्थी द्वारा कंप्यूटर आधारित परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर होगी। परिणाम ग्रेड के प्रकार में दिए जायँगे। 50 % से कम अंक लेन वाले अभ्यर्थी को अनुत्तीर्ण समझा जायेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें की परिणाम में प्रैक्टिकल के अंको को नहीं जोड़ा जाता है लेकिन O लेवल सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए प्रैक्टिकल परीक्षाएं उत्तीर्ण करना एवं प्रोजेक्ट को खत्म करना आवश्यक है